बाबर आजम की बल्लेबाजी में वसीम अकरम ने पकड़ी ये बड़ी खामी, दे डाली अहम नसीहत

Wasim Akram on Babar Azam: पाकिस्तान के पूर्व दिग्गज क्रिकेटर वसीम अकरम ने बाबर आजम की बल्लेबाजी में एक बड़ी खामी पकड़ी है। उन्होंने साथ ही अहम नसीहत भी दे डाली।

Babar Azam and Wasim Akram
बाबर आजम और वसीम अकरम  |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • बाबर आजम तीनों फॉर्मेट में पाकिस्तान के कप्तान हैं
  • उन्होंने शानदार बल्लेबाजी से अपनी पहचान बनाई है
  • वह 33 टेस्ट, 80 वनडे, 54 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेल चुके हैं

पाकिस्तान टीम के कप्तान बाबर आजम ने पिछले कुछ सालों में बल्ले से अपनी खूब धाक जमाई है। उन्होंने कई शानदार पारियां खेली हैं। हालांकि, पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और दिग्गज गेंदबाज वसीम अकरम का मानना है कि आजम को टी20 क्रिकेट में डॉट बॉल प्रतिशत में सुधार करने की जरूरत है। बता दें कि आजम का टी20 अंतरराष्ट्रीय में फिलहाल 129.70 का स्ट्राइक-रेट है। यह स्ट्राइक-रेट बुरा नहीं है, लेकिन अकरम चाहते हैं कि आजम टी20 में पारी की शुरुआत करते हैं तो डॉट बॉल कम खेलें।

'टॉप बल्लेबाजों से सीखे जाने की जरूरत है'

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वसीम अकरम ने कहा, 'पाकिस्तानी बल्लेबाजों को दुनिया के टॉप बल्लेबाजों को देखने और उनसे यह सीखने की जरूरत है कि वे अपने गेम को कैसे अप्रोच करते हैं। बाबर आजम और रिजवान अच्छी लय में हैं, लेकिन मुझे लगता है कि बाबर को पहले छह ओवरों में अपने डॉट बॉल प्रतिशत में सुधार करने की जरूरत है। खिलाड़ियों को टी20 क्रिकेट खेलने के साथ विकसित होने की आवश्यकता है।' 

उन्होंने आगे कहा, 'हम पाकिस्तान सुपर लीग (पीएसएल) के छह सीजन खेल चुके हैं, लेकिन क्या आप एक बल्लेबाज का नाम बता सकते हैं जो इमर्जिंग कैटेगरी से आया है। हैदर अली का नाम सामने आया लेकिन वह कंसिस्टेंट नहीं है। हफीज 40 साल के हैं। वह शारीरिक रूप से काफी फिट हैं और टीम का हिस्सा हैं। मैं खुश हूं कि वह अच्छा खेल रहा है। हालांकि फिलहाल वह फॉर्म में नहीं है। अगर कोई और अच्छा बल्लेबाज होता तो उन्हें रिप्लेस कर दिया जाता, मगर ऐसा नहीं है।'

'बल्लेबाजी का मतलब हर गेंद पर छक्का नहीं'

अकरम ने यह भी बताया कि सबसे छोटे फॉर्मेट में बल्लेबाजों को अपना विकेट गंवाए बिना कैसे खेलना चाहिए। उन्होंने कहा, 'बल्लेबाजी का मतलब यह नहीं है कि आपको हर गेंद पर छक्का लगाना है। आपको इसके लिए अपने टार्गेट बॉलर और फिर स्पॉट चुनना होगा। साथ ही आपको हालात का पूरे होश के साथ मुआयना करना होगा। एक कोच आपको हालात के बारे में नहीं बताएगा। यह खिलाड़ियों की अपनी इंटेलिजेंस से आता है और उन्हें यह सीखने की जरूरत है।'

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