मुंबई: सुनील गावस्कर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद सचिन तेंदुलकर भारतीय बल्लेबाजी के अगुवा बने और फिर दो दशक से ज्यादा समय तक अपने कंधों पर टीम की जिम्मेदारी उठाई। भले ही भारतीय टीम के पास तब सौरव गांगुली, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, वीवीएस लक्ष्मण और अन्य कई दिग्गज बल्लेबाज आए, लेकिन वो सचिन तेंदुलकर ही थे, जो बल्लेबाजी ईकाई की जान बने रहे।
तेंदुलकर के फॉर्म और उनके खेलने के स्टाइल ने क्रिकेट जगत में सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया था। चयनकर्ताओं ने केवल 16 साल की उम्र में तेंदुलकर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट पर ला खड़ा किया था। इसके बाद अगले दो दशक तक वह टीम इंडिया के नियमित सदस्य बने रहे। गावस्कर ने तेंदुलकर में कुछ विशेष पाया था और 1990 के दशक में युवा तेंदुलकर के साथ इंटरव्यू के दौरान उन्होंने एक विशाल लक्ष्य रखा था।
सुनील गावस्कर ने संन्यास लेने के बाद कमेंट्री करना शुरू कर दी थी। उन्होंने 1990 के समय में तेंदुलकर का इंटरव्यू किया था। बातचीत के दौरान लिटिल मास्टर ने तेंदुलकर को 15000 रन बनाने और 40 टेस्ट शतक जमाने का विशाल लक्ष्य दिया था। इस दुर्लभ इंटरव्यू की छोटी क्लिप एक यूजर ने पिछले साल शेयर की थी। उल्लेखनीय है कि इस वीडियो पर सचिन तेंदुलकर का भी ध्यान गया था और उन्होंने उस ट्विटर यूजर को धन्यवाद भी दिया था।
तेंदुलकर ने लिखा था, 'यह मेरे करियर में बहुत जल्दी हुआ था। महान व्यक्ति द्वारा विशेष शब्द थे। मैं खुश हूं कि उनकी उम्मीदों पर खरा उतरा। इस खूबसूरत पल को शेयर करने के लिए धन्यवाद सुबु।'
मास्टर ब्लास्टर ने इतिहास के पन्नों पर अपना नाम दर्ज कराया और टेस्ट करियर का अंत 53.48 की औसत से 15921 रन के साथ किया। इस दौरान तेंदुलकर ने 51 शतक जमाए। वह टेस्ट क्रिकेट में सर्वश्रेष्ठ स्कोरर हैं। सफेद गेंद क्रिकेट में भी तेंदुलकर का दबदबा रहा। उन्होंने 463 वनडे में 18426 रन बनाए। मास्टर ब्लास्टर के अलावा किसी बल्लेबाज ने वनडे क्रिकेट में 15000 रन का आंकड़ा पार नहीं किया है।
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