नई दिल्ली: युवराज सिंह भारतीय टीम में तब आए थे जब सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और सौरव गांगुली जेसे दिग्गज भारतीय क्रिकेट के सुपरस्टार्स बन चुके थे। साल 2000 में आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी गेम्स में भारत के लिए डेब्यू करने वाले युवराज सिंह ने खुलासा किया कि वह इन दिग्गजों के सामने आकर कैसा महसूस कर रहे थे और कोई भी सचिन तेंदुलकर से बड़ा नहीं था, जो उस समय दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माने जाते थे।
मोहम्मद कैफ के नेतृत्व में भारतीय अंडर-19 टीम के चैंपियन बनने के कुछ समय बाद युवराज सिंह को उन खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने को मिला, जिनका वो बहुत सम्मान करते हैं। युवराज सिंह ने खुलासा किया कि कैसे भारतीय क्रिकेट टीम के साथ शुरूआती दिनों में उन्होंने सचिन तेंदुलकर के पास खाली जगह पर बैठने से इंकार कर दिया था। युवराज सिंह ने एक वीडियो इंटरव्यू में कहा, 'मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि अपने बचपन के हीरो से मिलने पर कैसा महसूस होता है। मैं चांद के ऊपर था। मैं कैंप शुरू होने से पहले ड्रेसिंग रूम में गया।'
युवराज सिंह ने कहा, 'मेरे पास एक सीट उपलब्ध थी और वो भी सचिन तेंदुलकर की पास वाली। मैंने अपने मैनेजर से कहा, 'मुझे नहीं लगता कि मैं वहां बैठ सकता हूं।' मेरे मैनेजर ने कहा कि वो अब तुम्हारे टीम के साथी होने वाले हैं। तुम्हें उनसे बात करना चाहिए। इसलिए मैं धीमे से वहां गया, सचिन तेंदुलकर को ऊपर से नीचे तक देखता रहा और मन में मेरे ये आया कि अरे गजब, ये वो ही है।'
युवराज सिंह ने सचिन तेंदुलकर के साथ करीब 12 साल तक अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला। 2011 विश्व कप में तेंदुलकर और युवराज भारतीय टीम के सदस्य थे। मास्टर ब्लास्टर अपना छठा व आखिरी विश्व कप खेल रहे थे और युवराज सिंह उसमें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने थे।
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