नई दिल्लीः साल 2008 में जब आईपीएल शुरू हुआ था, तब कम ही लोगों को अंदाजा था कि आखिर कौन सी टीम विजयी होगी। कई टीमों की दावेदारी मजबूत नजर आ रही थी, लेकिन जीत उस टीम की हुई जिसको सबसे कमजोर माना जा रहा था। राजस्थान रॉयल्स ने शेन वॉर्न की कप्तानी में पहला आईपीएल खिताब जीतकर करोड़ों फैंस का दिल जीत लिया था। अब उस टीम के सदस्य रहे यूसुफ पठान ने खुलासा किया है कि आखिर ऐसा क्या खास था उस टीम में जिसके दम पर वे चैंपियन बने थे।
राजस्थान रॉयल्स ने शेन वॉर्न की कप्तानी में लीग का पहला खिताब जीता था। उस टीम के सदस्य रहे यूसुफ पठान ने वॉर्न की तारीफों के पुल बांधे हैं। यूसुफ ने क्रिकेटट्रेकर से कहा, 'मैं शेन वॉर्न की कप्तानी में तीन साल खेला। उनसे जुड़ी बहुत सी यादें हैं। वो मैच से पहले बताते थे कि किस तरह बल्लेबाज को आउट करना है, हम उनकी योजना पर काम करते थे और बल्लेबाज को उसी तरह आउट किया करते थे।
शेन वॉर्न से ये चीज सीख सकते हैं
पठान ने बताया कि कम संसधान में भी किस तरह जीत हासिल की जा सकती है, ये शेन वॉर्न से सीखा जा सकता है। पठान ने कहा, 'दुर्भाग्यवश, मैं तीन साल से ज्यादा वॉर्न की कप्तानी में नहीं खेल पाया। बिना किसी बड़े खिलाड़ी के टीम ने खिताब जीता। हमारी टीम में बहुत से घरेलू क्रिकेटर थे। केवल वॉर्न जैसा कप्तान ही यह करिश्मा कर सकता था, इसी वजह से राजस्थान रॉयल्स की टीम ने खिताब जीता था।' राजस्थान रॉयल्स ने 2008 के फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स को तीन विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया था। यूसुफ को मैन आफ द मैच चुना गया था। राजस्थान टीम में शामिल पाकिस्तानी गेंदबाज सोहेल तनवीर ने संस्करण में सबसे ज्यादा विकेट लिए थे।
आईपीएल से हटे लेकिन टीम से जुड़े रहे
शेन वॉर्न ने बेशक संन्यास लेने के बाद एक खिलाड़ी के रूप में राजस्थान रॉयल्स का साथ छोड़ दिया था लेकिन उसके बाद भी वो टीम के साथ जुड़े रहे। कभी वो टीम के साथ एक कोच की भूमिका में दिखे, कभी मेंटर की भूमिका में तो कभी वो डगआउट में टीम को प्रेरित करने के लिए मौजूद रहे। शेन वॉर्न ऑस्ट्रेलिया की विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा भी रह चुके हैं।
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