यश धुल के कप्तानी शतक(110) और उपकप्तान शेख राशिद(94) के अर्धशतक की बदौलत भारत ने बुधवार को खेले गए सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया को 96 रन से मात देकर अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में लगातार चौथी बार प्रवेश कर लिया है। जहां उसकी खिताबी भिड़ंत इंग्लैंड के साथ होगी। जिसने अफगानिस्तान को रोमांचक मैच में मात देकर फाइनल में प्रवेश किया है। जीत के लिए 291 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम ओवर में 194 रन बनाकर ढेर हो गई।
आठवीं बार फाइनल में पहुंचा है भारत
चार बार की चैंपियन टीम इंडिया आठवीं बार फाइनल में पहुंची है। 2 साल पहले दक्षिण अफ्रीका की मेजबानी में खेले गए विश्व कप के फाइनल में प्रियम गर्ग की कप्तानी वाली टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में भारतीय टीम एक बार फिर फाइनल में पहुंचने में सफल हुई है।
खराब रही भारत की शुरुआत, 37 रन पर गंवाए 2 विकेट
मैच में टॉस जीतकर भारतीय टीम ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। लेकिन धीमी शुरुआत के बाद भारतीय टीम को दोनों सलामी बल्लेबाज अंगकृष रघुवंशी(6) और हरनूर सिंह (16) 12.3 ओवर में महज 37 रन बनाकर पवेलियन लौट गए थे। लेकिन इसके बाद कप्तान यश धुल और उपकप्तान शेख राशिद ने जिम्मेदारी संभालते हुए टीम को आगे बढ़ाया।
तीसरे विकेट के लिए सिंधू-राशिद ने जोड़े 204 रन
दोनों ने संभलकर बल्लेबाजी करते हुए पहले तो 25 ओवर में टीम को 86 रन के स्कोर तक पहुंचाया। लेकिन जब पिच पर पैर और आंखें जम गईं तो दोनों ने कंगारू गेंदबाजों के खिलाफ हमला करते हुए अपने-अपने अर्धशतक पूरे किए। दोनों ने तीसरे विकेट के लिए 204 रन की साझेदारी करके टीम को 241 रन के स्कोर तक पहुंचाया। धुल ने 106 गेंद में अपना शतक पूरा किया लेकिन 46वें ओवर की पांचवीं गेंद पर दुर्भाग्यपूर्ण रूप से राशिद के शॉट पर धुल रन आउट होकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद अगली ही गेंद पर राशिद भी 94 रन पर कैच दे बैठे। वो 6 रन के अंतर से शतक जड़ने से चूक गए।
अंतिम ओवर में जोड़े 27 रन
इसके बाद अंतिम ओवरों में भारतीय बल्लेबाजों ने तेजी से रन बनाने की कोशिश की। हंगारगेकर ने 13(10) और निशांत सिंधू ने 12(10) रन बनाए लेकिन विकेटकीपर बाना ने 4 गेंद में नाबाद 20 रन जड़कर भारत को 50 ओवर में 5 विकेट पर 290 के स्कोर तक पहुंचा दिया। सिंधू और बाना ने अंतिम ओवर में 27 रन बनाए। अंतिम 10 ओवर में भारतीय बल्लेबाजों ने 108 रन जोड़े।
दूसरे ओवर में ही रवि कुमार ने ऑस्ट्रेलिया को दिया झटका
इसके बाद गेंदबाजी करने उतरी भारतीय टीम ने दूसरे ही ओवर में कंगारुओं को पहला झटका दे दिया। रवि कुमार ने अपने स्पेल की पहली ही गेंद पर टैगी विली को एलबीडब्लू कर दिया। वो 1 रन बना सके। इसके बाद कैंपबेल केलवे और कोरी मिलर ने दूसरे विकेट के लिए 68 रन की साझेदारी करके टीम को संभाला लेकिन 17वें ओवर की तीसरी गेंद पर मिलर को रघुवंशी ने एलबीडब्लू करके टीम को दूसरी सफलता दिलाई। मिलर ने 46 गेंद में 38 रन बनाए।
कमाल नहीं दिखा सके कंगारू कप्तान
मिलर के आउट होने के बाद बाद अगले ही ओवर में विकी ओस्तवाल ने कैंपबेल को निशांत सिंधू के हाथों कैच कराकर ऑस्ट्रेलिया को बैकफुट पर धकेल दिया। कैंपबेल ने 53 गेंद में 30 रन बनाए। ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 73 रन पर 3 विकेट हो गया। ऑस्ट्रेलिया के कप्तान भी कूपर कोनोली कोई कमाल नहीं दिखा सके उन्हें सिंधू ने राशिद के हाथों लपकवाया। उन्होंने 3 रन बनाए। निवेथन राधाकृष्णन के 11(15) रन बनाकर बोल्ड होते ही ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 101 रन पर 5 विकेट हो गया। सेल्जमैन और स्नेल को आउट कर ओस्तवाल ने मैच को पूरी तरह भारत के पक्ष में कर दिया। आखिरी विकेट रन आउट के रूप में गिरा और टीम इंडिया ने फाइनल में प्रवेश कर लिया।
लैक्लन शॉ अंत तक करते रहे संघर्ष
इसके बाद एक छोर लैक्लन शॉ संभाले रहे और स्कोर को आगे बढ़ाते रहे। उन्होंने 64 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा किया। शॉ को कुछ देर के लिए सिनफील्ड का साथ मिला लेकिन वो भी 14 गेंद में 20 रन की पारी खेलकर कौशल तांबे की गेंद पर स्टंपिंग हो गए। इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने आठवां विकेट गंवा दिया। इसके बाद रवि कुमार ने शॉ को बोल्ड करके नौवीं सफलता दिलाई। शॉ 66 गेंद में 51 रन बनाकर आउट हुए। रवि भारत के लिए सबसे ज्यादा 3 विकेट विकी ओस्तवाल ने लिए। वहीं निशांत सिंधू और रवि कुमार ने 2-2 विकेट झटके। अंगकृष रघुवंशी और कौशल तांबे को 1-1 सफलता मिली।
सेमीफाइनल मुकाबले में ऐसी हैं दोनों की एकादश:
भारत: हरनूर सिंह, अंगकृष रघुवंशी, शेख राशिद, यश धुल (कप्तान), निशांत सिंधु , राज बावा, कौशल तांबे, दिनेश बाना (विकेटकीपर), राजवर्धन हंगारेकर, विक्की ओस्तवाल, रवि कुमार
ऑस्ट्रेलिया: टीग वायली, कैंपबेल केलावे, कोरी मिलर, कूपर कोनोली (कप्तान), लछलन शॉ, निवेथन राधाकृष्णन, विलियम साल्ज़मैन, टोबियस स्नेल (विकेटकीपर), टॉम व्हिटनी, जैक सिनफील्ड, जैक निस्बेट