भारतीय टीम ने पांचवीं बार आईसीसी अंडर-19 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी पर कब्जा जमा लिया है। युश धुल की अगुवाई वाली भारतीय टीम ने फाइनल में इंग्लैंड को चार विकेट से धूल चटाई। इंग्लैंड ने एंटीगा के सर विव रिचर्ड्स स्टेडियम में खेले गए खिताबी मुकाबले में 190 रन का टारगेट दिया था, जिसे भारत ने 47.4 वें ओवर में हासिल कर लिया। भारत ने 47.4 ओवर में 4 विकेट नुकसान पर 195 रन बनाए। भारत के लिए निशींत सिंधु और शेख रशीद ने अर्धशतक जमाए। भारत टूर्नामेंट इतिहास की सबसे ज्यादा खिताब अपने नाम करने वाली टीम है। वहीं, इंग्लैंड की टीम ने आखिरी बार 1998 में खिताब जीता था।
ऐसा रहा भारतीय पारी का हाल
लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही और पहले ही ओवर में अंगकृष रघुवंशी (0) अपना विकेट गंवा बैठे। इसके बाद ओपनर हरनूर सिंह और शेख रशीद ने दूसरे विकेट के लिए 49 रन की अहम साझेदारी की। हरनूर 21 रन बनाकर 18वें ओवर में आउट हुए। वहीं, रशीद ने कप्तान यश धुल के साथ तीसरे विकेट के लिए 46 रन जोड़े और टीम को सैकड़े के नजदीक पहुंचाया। रशीद 27वें ओवर में पवेलियन लौटे। उन्होंने 84 गेंदों में 5 चौकों की बदौलत 50 रन बनाए।
रशीद के जाने के बाद धुल भी ज्यादा देर नहीं टिक सके और 29वें ओवर में अपना विकेट गंवा बैठे। उन्होंने 32 गेंदों का सामना किया और 17 रन बनाए। उन्होंने अपनी पारी में एक चौका ठोका। यहां से निशांत सिंधु और राज बावा ने मोर्चा संभाला। दोनों ने पांचवें विकेट के लिए 67 रन की बेहद अहम साझेदारी की। बावा 43वें ओवर में पवेलियन लौटे। उन्होंने 54 गेंदों में 2 चौकों और 1 छक्के की मदद से 35 रन बनाए। भारत को छठा झटका कौशल ताम्बे (1) के रूप में लगा, जो 47वें ओवर में आउट हुए।
भारत को अंतिम 18 गेंदों में 12 रन की जरूरत थी, लेकिन सिंधु और दिनेश बाना ने ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर टीम को 14 गेंदें बाकी रहते जीत दिला दी। सिंधु ने 54 गेंदों में 5 चौकों और 1 छक्के के जरिए नाबाद 50 रन की पारी खेली। बाना ने दो छक्कों की मदद से नाबाद 13 रन बनाए। इंग्लैंड की ओर से जेम्स सेल्स, थॉमस एस्पिनवॉल और जोशुआ बॉयडेन ने दो-दो विकेट अपनी झोली में डाले।
इंग्लैंड के लिए रेव का चला बल्ला
इससे पहले इंग्लैंड ने टॉस जीतर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया था और पूरी टीम 44.5 ओवर में 189 रन पर सिमट गई। इंग्लैंड ने निराशाजनक आगाज किया और नियमित अंतराल पर झटके झेले। इंग्लैंड की खस्ता हालत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उसके 6 खिलाड़ी दहाई का आंकड़ा नहीं छू सके। एक समय उसके स्कोर सात विकेट पर 91 रन था।
हालांकि, इंग्लिश पारी के लड़खडड़ाने के बावजूद जेम्स रेव ने टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। रेव ने आठवें विकेट के लिए जेम्स सेल्स के साथ 93 रन की साझेदारी की। रेव का बल्ला सबसे ज्यादा चला। उन्होंने 116 गेंदों में 12 चौकों के दम पर 95 रन की पारी खेली। उन्होंने 44वें ओवर में अपना विकेट खोया। वहीं, सेल्स 65 गेंदों में 34 रन बनाकर नाबाद लौटे। उन्होंने 2 चौके मारे। भारत की तरफ से राज बावा ने 31 रन खर्च पांच विकेट चटकाए। रवि कुमार ने 34 रन देकर 4 शिकार किए। ताम्बे ने एक विकेट झटका।
दोनों की प्लेइंग इलेवन
भारत: यश धुल (कप्तान), हरनूर सिंह, अंगकृष रघुवंशी, शेख रशीद, निशांत सिंधू, सिद्धार्थ यादव, अनीश्वर गौतम, मानव पारख, कौशल ताम्बे, राजवर्धन हंगरगेकर, विकी ओस्तवाल, गर्व सांगवान, दिनेश बाना, आराध्य यादव, राज बावा, वासु वत्स, रवि कुमार।
इंग्लैंड: टॉम प्रेस्ट (कप्तान), जॉर्ज थॉमस, जैकब बेथेल, जेम्स रेव, विलियम लक्सटन, जॉर्ज बेल, रेहान अहमद, एलेक्स हॉर्टन (विकेटकीपर), जेम्स सेल्स, थॉमस एस्पिनवॉल, जोशुआ बॉयडेन।