वेलिंगटन: टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली रविवार को न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के तीसरे दिन केवल 19 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। पहली पारी के आधार पर 183 रन की बढ़त का बोझ झेलने वाली भारतीय टीम को कप्तान कोहली से बड़ी पारी की उम्मीद थी, लेकिन वह लगातार दूसरी बार फ्लॉप हुए। पहली पारी में कोहली सिर्फ 2 रन बनाकर आउट हो गए थे। कोहली को न्यूजीलैंड के तेज गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट ने विकेटकीपर बीजे वॉटलिंग के हाथों की शोभा बनाया।
बोल्ट ने पहला टेस्ट शुरू होने से पूर्व कहा था कि वह कोहली को आउट करना चाहते हैं और दूसरी पारी में उनकी ये ख्वाहिश भी पूरी हुई। वहीं भारतीय कप्तान कोहली का विदेशी सरजमीं पर रिकॉर्ड ज्यादा खराब हो चला है। कोहली ने इंग्लैंड दौरे पर 1-4 से सीरीज शिकस्त के दौरान 593 रन बनाए थे। इसके बाद से वह विदेश में प्रदर्शन करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने विदेश में 14 पारियों में केवल एक शतक जमाया है।
इंग्लैंड दौरे के बाद 7 टेस्ट में कोहली ने 33 की औसत से 439 रन बनाए हैं, जिसमें एक शतक और तीन अर्धशक शामिल हैं। कम पहचाने जाने वाले खिलाड़ियों के लिए वैसे यह प्रदर्शन अच्छा माना जा सकता है, लेकिन कोहली की टेस्ट औसत 55 के करीब है। यह आंकड़ें साबित करते हैं कि विदेशी जमीन पर भारतीय कप्तान खुद को दमदार बल्लेबाज के रूप में साबित करने में नाकाम रहे हैं। कोहली ने 2018 में पर्थ में शतक जमाया था और यह पिछले दो साल में विदेशी जमीन पर खेले टेस्ट में उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
फॉर्म में नहीं हैं कोहली
न्यूजीलैंड दौरे पर कोहली का बल्ला खामोश रहा है। वह तीनों प्रारूपों में बेहतर प्रदर्शन करने में नाकाम रहे हैं। कोहली ने अब तक मौजूदा न्यूजीलैंड दौरे पर कुल 9 पारियों में केवल एक अर्धशतक जमाया। अब देखना रोचक होगा कि दूसरे टेस्ट में कोहली कोई कमाल कर पाते हैं या नहीं। कोहली ने नवंबर 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ 136 रन बनाए थे। इसके बाद से 20 अंतरराष्ट्रीय पारियां गुजर चुकी हैं, जिसमें वह शतक नहीं जमा सके हैं। 2014 के खराब इंग्लैंड दौरे के बाद कोहली दोबारा संघर्ष करते हुए नजर आ रहे हैं।
11 साल से ज्यादा के अंतरराष्ट्रीय करियर में सिर्फ दो ही ऐसे चरण आए जब कोहली 20 पारियों से ज्यादा में एक भी शतक नहीं जमा सके। कोहली के करियर का पहला खराब समय फरवरी से सितंबर 2011 के दौरान आया था जब वह लगातार 24 पारियों में से एक में भी शतक नहीं जमा सके थे। इन 7 महीनों में 2011 विश्व कप से पहले कोहली की औसत 48 से गिरकर 39 पर पहुंच गई थी। तीन साल बाद कोहली का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे खराब समय आया था जब वह 25 पारियों में से एक में भी शतक नहीं जमा सके थे।
कोहली ने न्यूजीलैंड दौरे पर अभ्यास मैच नहीं खेलकर सभी को चौंका दिया था। अब उन्हें जरुरत है कि अपने स्तर के मुताबिक दूसरे टेस्ट में गलतियों को दूर करके शानदार प्रदर्शन करें।
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