भारत ने साल 2011 विश्व कप में मोहाली में पाकिस्तान को सेमीफाइनल में 29 रन से मात दी थी, जिसकी टीस आज भी उसके खिलाड़ियों में मौजूद है। 9 साल बाद पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज उमर गुल के जख्म फिर ताजा हो गए हैं और उन्होंने सेमीफाइनल मिली हार पर दुखड़ा रोया है। गुल इस मैच का हिस्सा थे। उनका कहना है कि भारत को सेमीफाइनल में नहीं हरा पाने का उनको जिंदगीभर अफसोस रहेगा। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने पाकिस्तानी टीम को हराकर फाइनल में कदम रखा था, जहां उसकी टक्कर श्रीलंका से हुई थी।। भारत ने खिताबी मुकाबले अपने नाम करते हुए दूसरी बार वनडे विश्व चैंपियन बना था।
'अफसोस रहता है भारत को नहीं हरा सके'
गुल ने पाकपैशन से कहा, 'अगर आप क्रिकेट करियर की बात करें तो मेरे मन में सिर्फ और सिर्फ इस बात का अफसोस रहता है कि हम मोहाली में सेमीफाइनल में भारत को नहीं हरा सके थे। उस मैच से पहले हम टूर्नामेंट में शानदार खेले लेकिन एक मैच ने हमारी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।' उन्होंने कहा, 'हम एक टीम के रूप में और यहां तक कि व्यक्तिगत स्तर पर वाकई में अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन हम इस प्रदर्शन को सेमीफाइनल में नहीं दोहरा सके।' गुल ने हाल ही में इंटरनेशनल क्रिकेट से संन्यास लिया है। उन्होंने पाकिस्तान के लिए कुल 427 इंटरनेशनल विकेट चटकाए हैं।
'हम 2011 विश्व कप जीतने में सक्षम थे'
गुल ने आगे कहा कि मुझे लगता है अगर सेमीफाइनल नहीं हारते तो हम 2011 विश्व कप जीतने में सक्षम थे। कोई भी कह सकता है यह (हार) खेल का हिस्सा है, लेकिन मुझे हमेशा इस बात पर पछतावा होता है कि हमने पाकिस्तान के लिए एक और विश्व कप जीतने का सुनहरा मौका गंवा दिया। मालूम हो कि भारत ने सेमीफाइनल में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया था और 9 विकेट के नुकसान पर 260 रन का स्कोर खड़ा किया। जवाब में पाकिस्तान की टीम 49.5 ओवर में 231 रन पर ढेर हो गई थी। मैच में गुल ने 8 ओवर में 69 रन दिए थे और उन्हें कोई विकेट नहीं मिला।
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