नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पिछले कुछ समय से इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2020 आयोजित कराने को लेकर काफी व्यस्त है। यूएई में 13वें एडिशन को आयोजित कराना और फ्रेंचाइजी व खिलाड़ियों को एसओपी सौंपना, इस समय भारतीय बोर्ड का समय व्यस्त समय रहा। कोविड-19 भय के बीच टूर्नामेंट आयोजित कराने के बारे में एक खबर जानने को मिली है कि बीसीसीआई खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ का कोविड-19 परीक्षण कराने के लिए 10 करोड़ रुपए खर्च करेगा।
जब से नए सीजन की घोषणा हुई है, बीसीसीआई ने खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ की सुरक्षा के लिए फ्रेंचाइजी के साथ काम किया है। हर प्रक्रिया का पहला कदम खिलाड़ियों का परीक्षण कराना रहा। जब परिणाम निगेटिव आया तभी खिलाड़ियों को अपने गृहनगर से निकलने से या फ्रेंचाइजी से जुड़ने की अनुमति मिली थी। इसके बाद खिलाड़ी यूएई के लिए रवाना हुए।
यूएई जाने से पहले टेस्ट किए गए थे और फिर जब फ्रेंचाइजी के खिलाड़ी व सपोर्ट स्टाफ दुबई और अबुधाबी पहुंचा तो उनके फिर कोविड-19 टेस्ट हुए। सीजन के दौरान कई टेस्ट आयोजित कराए गए हैं। इसमें जानकारी मिली है कि बीसीसीआई पूरे सीजन के दौरान करीब 20,000 खिलाड़ियों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने पर 10 करोड़ की भारी रकम खर्च करेगा।
आईपीएल के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से आउटलुक ने कहा, 'हमने वीपीएस हेल्थकेयर को जोड़ा है, जो टेस्ट करने वाली यूएई आधारित कंपनी है। जहां मैं नंबर नहीं बता सकता, लेकिन 20,000 से ज्यादा टेस्ट होंगे, जिसमें सभी शामिल हैं। प्रत्येक टेस्ट बीसीसीआई को करीब 200 एईडी (दिरहम) का टैक्स हटाकर पड़ेगा। इसलिए बीसीसीआई कोविड-19 टेस्ट कराने के लिए करीब 10 करोड़ रुपए खर्च करेगा। कंपनी के 75 हेल्थकेयर वर्कर ही आईपीएल परीक्षण प्रक्रिया का हिस्सा हैं।'
खिलाड़ियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जहां कड़ी परीक्षण प्रक्रिया का पालन किया जा रहा है, बीसीसीआई को उम्मीद है कि आईपीएल 2020 के सफल आयोजन में कोई पॉजिटिव मामला सामने न आए।
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