Boycott China: बीसीसीआई ने कहा- नहीं छोड़ेंगे चीनी प्रायोजक VIVO का साथ, बताया ये कारण

आईपीएल 2020
भाषा
Updated Jun 18, 2020 | 22:46 IST

BCCI, IPL sponsor VIVO: भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद पूरे देश में चीन को लेकर गुस्सा आग की तरह फैल रहा है। चीनी उत्पादों के बहिष्कार की जो मांग उठ रही है इस पर बीसीसीआई से भी सवाल हुआ है।

BCCI not to boycott chinese company VIVO as chief sponsor of IPL
बीसीसीआई स्पॉन्सर वीवो के साथ आईपीएल करार जारी रखेगा  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • क्या बीसीसीआई छोड़ेगा आईपीएल में अपने मुख्य चीनी स्पॉन्सर वीवो का साथ?
  • अरुण धूमल ने कहा जारी रहेगा आईपीएल और वीवो का साथ
  • कोषाध्यक्ष ने बताए वो कारण जिसकी वजह से जारी रखना चाहते हैं करार

नई दिल्लीः बीसीसीआई अगले चक्र के लिये अपनी प्रायोजन नीति की समीक्षा के लिये तैयार है लेकिन आईपीएल के मौजूदा टाइटल प्रायोजक वीवो से करार खत्म करने का कोई इरादा नहीं है और बोर्ड के कोषाध्यक्ष अरूण धूमल का कहना है कि आईपीएल में चीनी कंपनी से आ रहे पैसे से भारत को ही फायदा हो रहा है, चीन को नहीं। सीमा पर गलवान में दोनों देशों के बीच सैन्य तनाव के बाद चीन विरोधी माहौल गर्म है।

चार दशक से ज्यादा समय में पहली बार भारत चीन सीमा पर हुई हिंसा में कम से कम 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। उसके बाद से चीनी उत्पादों के बहिष्कार की मांग की जा रही है। धूमल ने हालांकि कहा कि आईपीएल जैसे भारतीय टूर्नामेंटों के चीनी कंपनियों द्वारा प्रायोजन से देश को ही फायदा हो रहा है। बीसीसीआई को वीवो से सालाना 440 करोड़ रूपये मिलते हैं जिसके साथ पांच साल का करार 2022 में खत्म होगा।

धूमल का बयान

धूमल ने कहा, ‘‘जज्बाती तौर पर बात करने से तर्क पीछे रह जाता है । हमें समझना होगा कि हम चीन के हित के लिये चीनी कंपनी के सहयोग की बात कर रहे हैं या भारत के हित के लिये चीनी कंपनी से मदद ले रहे हैं।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ जब हम भारत में चीनी कंपनियों को उनके उत्पाद बेचने की अनुमति देते हैं तो जो भी पैसा वे भारतीय उपभोक्ता से ले रहे हैं, उसमें से कुछ बीसीसीआई को ब्रांड प्रचार के लिये दे रहे हैं और बोर्ड भारत सरकार को 42 प्रतिशत कर चुका रहा है ।इससे भारत का फायदा हो रहा है, चीन का नहीं।’’

ओप्पो भी रह चुकी है टीम इंडिया की प्रायोजक

पिछले साल सितंबर तक मोबाइल कंपनी ओप्पो भारतीय टीम की प्रायोजक थी लेकिन उसके बाद बेंगलुरू स्थित शैक्षणिक स्टार्ट अप बायजू ने चीनी कंपनी की जगह ली ।धूमल ने कहा कि वह चीनी उत्पादों पर निर्भरता कम करने के पक्ष में हैं लेकिन जब तक उन्हें भारत में व्यवसाय की अनुमति है, आईपीएल जैसे भारतीय ब्रांड का उनके द्वारा प्रायोजन किये जाने में कोई बुराई नहीं है। अगर बात करें भारतीय खेल जगत में किसी अन्य पक्ष की, तो भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने चीनी उत्पादों और प्रायजकों का बहिष्कार करने का मन बना लिया है

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