आईपीएल 2021 में सोमवार को सीजन के 12वें मैच के दौरान कुछ ऐसा हुआ जो एक युवा खिलाड़ी के लिए यादगार बन गया। चेन्नई सुपर किंग्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में मैच के दौरान राजस्थान के युवा पेसर चेतन सकारिया ने एक खास सफलता हासिल कर ली। गुजरात के इस 23 वर्षीय खिलाड़ी ने आईपीएल इतिहास के अपने तीसरे मैच में दूसरी बार तीन विकेट लिए हैं।
चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ कोई भी युवा खिलाड़ी जब उतरता है तो वो इस दिग्गज टीम के सामने अपनी छाप छोड़ना चाहता है। इसके साथ ही अगर दिग्गज कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का विकेट भी मिल जाए, तो क्या कहने। चेतन सकारिया ने सोमवार रात ये दोनों चीजें हासिल कर ली। उन्होंने अपनी छाप भी छोड़ी और धोनी को पहली बार पवेलियन का रास्ता भी दिखाया।
चेन्नई के सबसे अनुभवी शेरों का शिकार
चेतन सकारिया ने चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ इस मैच में 4 ओवर करते हुए सिर्फ 36 रन लुटाए और 3 विकेट झटके। उन्होंने इस दौरान चेन्नई सुपर किंग्स के तीन सबसे अनुभवी व धाकड़ बल्लेबाजों का शिकार किया। सकारिया ने सुरेश रैना (18), अंबाती रायडू (27) और एमएस धोनी (18) को पवेलियन का रास्ता दिखाया। तीनों खिलाड़ी कैच आउट हुए।
अब तक 6 विकेट
वैसे ये इस सीजन में पहला मौका नहीं है जब बाएं हाथ के इस युवा तेज गेंदबाज ने अपनी छाप छोड़ी है। सकारिया ने आईपीएल 2021 के अपने डेब्यू मैच में पंजाब किंग्स के खिलाफ 31 रन देकर 3 विकेट लिए थे। इसके बाद दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ उन्होंने 33 रन देकर कोई विकेट नहीं लिया। जबकि अब चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ उन्होंने फिर से 3 विकेट लेकर अपने डेब्यू आईपीएल सीजन में विकेटों की संख्या 6 विकेटों तक पहुंचा दी है।
कौन हैं चेतन सकारिया? जनवरी में मिली थी बुरी खबर
चेतन सकारिया गुजरात के भावनगर से आते हैं। उनको आईपीएल नीलामी में 1.2 करोड़ रुपये में खरीदा गया था। इसी साल जनवरी में चेतन को एक बुरी खबर मिली थी। इसके बारे में बताते हुए उन्होंने कहा था कि, "मेरे छोटे भाई ने जनवरी में आत्महत्या कर ली थी। मैं तब घर में नहीं था। मैं सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का मैच खेलने गया हुआ था। मैं जब तक घर नहीं लौटा, तब तक पता ही नहीं था कि वो गुजर गया था। मेरे परिवार ने भी ये खबर मुझसे शेयर नहीं की थी। मैं राहुल के बारे में पूछता था तो बोलते थे कि वो बाहर गया है। कभी बोलते थे कि किराने का सामान लेने गया है। ये गैरमौजूदगी मेरी जिंदगी में बड़ा खालीपन ले आई है। अगर वो आज होता तो मुझसे भी ज्यादा खुश होता।"
टेंपो चलाते थे पिता
कई अन्य सामान्य परिवार से आने वाले क्रिकेटरों में से चेतन सकारिया भी एक हैं। उनका जीवन संघर्ष से भरा रहा। दो साल पहले तक चेतन के पिता कांजीभाई गुजरात स्थित भावनगर से 10 किमी दूर एक छोटे शहर वर्तेज में टेंपो चलाते थे ताकि परिवार का पेट पाल पाएं। 5 साल पहले तक इस क्रिकेटर के घर में टीवी तक नहीं था। चेतन सकारिया को मैच देखना होता था तो वो किसी दोस्त के घर जाते थे या फिर टीवी शोरूम के बाहर खड़े होते थे।
सफलता हासिल की, पिता का काम छुड़वाया
चेतन सकारिया कभी नहीं चाहते थे कि उनके पिता टेंपो चलाएं। जब चेतन सौराष्ट्र की टीम में घरेलू क्रिकेट खेलते हुए सफल हुए तो उन्होंने अपने पिता का टेंपो चलाना छुड़वाया। उन्होंने इस बारे में कहा था कि, "मैं कभी नहीं चाहता था कि वो (पिता) काम करें। मैंने उनसे कहा कि मैं परिवार का ध्यान रखूंगा। लोग मुझसे पूछते थे कि इतने सारे पैसों का क्या करूंगा। मैं कहता था कि पहले पैसे आने तो दो। मैं हमेशा से राजकोट में रहना चाहता था। हालांकि, अच्छा घर खरीदने के लिए मेरे पास पैसे नहीं थे। अब मेरी प्राथमिकता अच्छी जगह पर एक घर खरीदने की है।"
चेतन का परिवार चाहता था कि उनका बेटा एक दिन सरकारी नौकरी करे लेकिन इस खिलाड़ी ने कुछ और सोच रखा था और अपने क्रिकेट के हुनर के दम पर चेतन ने परिवार की किस्मत बदल दी। अपने अंकल से मिले समर्थन के दम पर चेतन ने धीरे-धीरे कदम आगे बढ़ाए। अंकल ने आर्थिक मदद दी जिसके दम पर चेतन ने पढ़ाई से लेकर क्रिकेट कोचिंग में मेहनत की और यहां तक का सफर तय किया।
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