आईपीएल जब शुरू हुआ था, तब ये सिर्फ एक पैसा कमाने वाली रोमांचक टी20 लीग थी, लेकिन साल बीतते गए और अब आईपीएल वो ठिकाना है जहां खिलाड़ियों के करियर बनते हैं, वो टूर्नामेंट जिससे तमाम खिलाड़ियों को पहचान मिली है और आज भी वो सफर जारी है। गुरुवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम पर जिस बल्लेबाज का बल्ला गरजा, वो भी इसी टूर्नामेंट के जरिए पिछले साल सुर्खियों में आया था। जी हां, हम बात कर रहे हैं देवदत्त पडिक्कल (Devdutt Padikkal) की जिन्होंने आईपीएल 2021 में अपने अभियान की शुरुआत एक शानदार शतक के साथ की है।
राजस्थान रॉयल्स ने इस आईपीएल मुकाबले में बैंगलोर के सामने 178 रनों का लक्ष्य रखा था। जवाब में उतरी रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम ने बिना कोई विकेट गंवाए 16.3 ओवर में इस टारगेट को हासिल किया और लगातार चौथी जीत हासिल की। इस जीत में वैसे तो दोनों ओपनर्स- विराट कोहली (नाबाद 72) और देवदत्त पडिक्कल का योगदान रहा लेकिन देवदत्त ने अपने करियर का पहला शतक जड़कर सबको बता दिया कि वो कोरोना को हराकर लौट आए हैं।
कौन हैं देवदत्त पडिक्कल?
देवदत्त पडिक्कल पिछले सीजन तक रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर में कर्नाटक से खेलने वाले एकमात्र खिलाड़ी थे। इस 20 वर्षीय बल्लेबाज का जन्म 7 जुलाई 2000 को केरला के एडापल में हुआ था। वो बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं। वो शुरुआत से ही क्रिकेट को लेकर काफी जुनूनी थे। जब वो 11 साल के थे, तब उनका परिवार बेंगलुरु शिफ्ट हो गया था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि बेंगलुरु आने के बाद उन्होंने स्कूल से पहले क्रिकेट अकादमी की खोज की थी। परिवार की तरफ से हमेशा पूरा सहयोग मिला इसलिए उसी स्कूल में दाखिला लिया जहां से क्रिकेट करियर को उड़ान मिल सके। देवदत्त एक समय भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली के फैन थे।
घरेलू क्रिकेट में शानदार फॉर्म से नजर में आए
आईपीएल में आने से पहले देवदत्त पडिक्कल ने घरेलू क्रिकेट में निरंतर अच्छा प्रदर्शन किया था। इस बल्लेबाज ने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में 12 मैचों में एक शतक और पांच अर्धशतक की मदद से 580 रन बनाए थे व अपनी टीम को चैंपियन बनाने में अहम योगदान दिया था। इस बल्लेबाज ने आंध्र प्रदेश के खिलाफ उस टूर्नामेंट में नाबाद 122 रनों की पारी खेली, जो उनका बेस्ट स्कोर भी था। वो उस सीजन में टूर्नामेंट के सर्वाधिक स्कोरर भी रहे।
सिर्फ 20 लाख में खरीदा और एक साल बैठाकर रखा
इंडियन प्रीमियर लीग 2019 की नीलामी में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने इस युवा बल्लेबाज को उसके बेस प्राइज 20 लाख रुपए में खरीद लिया था। लेकिन पूरा सीजन निकल गया और देवदत्त बेंच पर ही बैठे रह गए थे। इसके बाद देवदत्त ने एक बार फिर घरेलू क्रिकेट में धूम मचाई और विराट कोहली के साथ-साथ आरसीबी प्रबंधन का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया, यही वजह रही कि उनको टीम में बरकरार रखने का फैसला लिया गया।
जैसे ही मौका मिला, दोनों हाथों से लपक लिया
देवदत्त पडिक्कल को भी अंदाजा नहीं था कि विराट और टीम प्रबंधन ने आईपीएल 2020 के लिए उनको लेकर कुछ खास रणनीति तैयार की थी। देवदत्त को ओपनर के तौर पर मैदान पर उतारा गया और इस बल्लेबाज ने दोनों हाथों से इस मौके को लपक लिया। उन्होंने यूएई में खेले गए उस सीजन में 15 मैच खेले जिसमें उनके बल्ले से 473 रन निकले। इस दौरान 124.80 के स्ट्राइक रेट से खेलते हुए देवदत्त ने 5 अर्धशतक लगाए। बैंगलोर की टीम टूर्नामेंट में ज्यादा आगे तो नहीं बढ़ सकी लेकिन इतना तय हो गया कि देवदत्त लंबे समय तक टीम का हिस्सा रहेंगे।
क्या विश्व कप में मौका मिलेगा?
आईपीएल 2021 शुरू होने से ठीक पहले देवदत्त पडिक्कल कोरोना से संक्रमित हो गए थे लेकिन बैंगलोर टीम प्रबंधन ने उन पर लगातार नजर रखी और उनके लौटने का इंतजार किया। वो दोबारा फिट हुए और लौटकर पहले ही मैच में आईपीएल करियर का पहला शतक जड़ डाला है। आने वाले दिनों में इस खिलाड़ी पर राष्ट्रीय चनयकर्ताओं की नजर रहेगी क्योंकि इसी साल भारत में टी20 विश्व कप का आयोजन भी होना है।
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