दुबई: पिछले 12 साल से आईपीएल खिताब जीतने का इंतजार कर रही रॉयल चैलेंजर्स बेंगलोर(आरसीबी) की टीम के क्रिकेट निदेशक माइक हेसन ने कहा है कि खिलाड़ी से कोच बनने के बाद उन्हें सपाट विकेट देखकर क्रिकेट नहीं खेल पाने का अफसोस होता है। पीठ की चोट के कारण हेसन न्यूजीलैंड के लिए किसी भी स्तर पर क्रिकेट नहीं खेल पाए।
45 वर्षीय हेसन ने महज 22 साल की उम्र में कोचिंग के साथ नाता जोड़ लिया था। वो साल 2003 में ओटागो की टीम के असिस्टेंट कोच बने थे इसके एक साल बाद उन्हें ओटागो का क्रिकेट निदेशक बना दिया गया। ओटागो के साथ उनका 15 साल का नाता रहा। अपने कार्यकाल में उन्होंने ओटागो की टीम की कायापलट कर दी और एक संघर्ष कर रही टीम को नियमित तौर पर खिताबी दावेदार टीम में तब्दील कर दिया। उनके दौर में ही ओटागा को 20 साल लंबा खिताबी सूखा खत्म हुआ।
6 साल तक रहे कीवी टीम के कोच
साल 2011 के विश्व कप में कीनिया की टीम का प्रदर्शन बेहद खराब था। ऐसे में हेसन 2012 में कीनिया के साथ दो साल के लिए बतौर कोच जुड़े लेकिन मई 2012 में उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद वो न्यूजीलैंड की टीम को कोच बन गए। साल 2018 तक वो टीम के साथ जुड़े रहे। उनके कार्यकाल में न्यूजीलैंड की टीम 2015 के विश्व कप के फाइनल में पहुंची। वो कीवी टीम के साथ सबसे लंबे समय तक बतौर कोच काम करने वाले व्यक्ति हैं।
पीठ की चोट ने सबकुछ बदल दिया
आरसीबी द्वारा जारी एक वीडियों में हेंसन ने अपने कोचिंग के सफर के बारे में चर्चा करते हुए कहा, मेरी पीठ में शुरुआत में गंभीर चोट लग गई थी। लेकिन इसके बाद कम उम्र में ही क्रिकेट के निदेशक बनने का मौका मिला, जो वाकई में मेरे लिए सौभाग्यशाली अवसर था और मुझे यह बहुत पसंद आया। मुझे कोचिंग से बहुत लगाव है और विभिन्न स्तर पर काम करने के मुझे जो मौके मिले उन्होंने मुझे काफी अनुभव दिया।'
हेसन ने बतौर खिलाड़ी क्रिकेट नहीं खेल पाने पर अफसोस जाहिर करते हुए कहा, मुझे कई बार क्रिकेट नहीं खेल पाने का अफसोस होता है खासकर तब जब मैं सपाट विकेट देखता हूं। इसके अलावा मैं खुश हूं।
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