नई दिल्ली: विश्व क्रिकेट की सबसे प्रतिस्पर्धी टी20 लीग इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में इतने सालों में कई बदलाव देखने को मिले हैं। टूर्नामेंट की शुरूआत आठ टीमों के साथ हुई थी। 2011 में इसे बढ़ाकर 10 कर दिया जबकि 2012 और 2013 में इसे घटाकर 9 कर दिया। इससे पहले अनकैप्ड खिलाड़ियों को नीलामी में शामिल नहीं किया जाता था, लेकिन 2014 से अनकैप्ड खिलाड़ी भी प्रक्रिया का हिस्सा हैं। आईपीएल 2021 में टूर्नामेंट एक बार फिर बड़े बदलाव से गुजरेगा क्योंकि आईपीएल फ्रेंचाइजी चाहती हैं कि बीसीसीआई प्लेइंग इलेवन में चार के बजाय पांच खिलाड़ियों को शामिल करने की अनुमति दे।
मौजूदा नियमों के मुताबिक एक टीम सात भारतीय (कैप्ड या अनकैप्ड) व चार विदेशी खिलाड़ियों को अपनी प्लेइंग इलेवन में शामिल कर सकती है। कप्तान चाहे तो तीन विदेशी खिलाड़ियों को शामिल करके भी खेल सकता है, लेकिन एक टीम में चार से ज्यादा विदेशी खिलाड़ी शामिल करने की जरूरत नहीं है। इंसाइडस्पोर्ट की रिपोर्ट के मुताबिक इस चीज में बदलाव किया जा सकता है। कुछ फ्रेंचाइजी चाहती हैं कि नियम में बदलाव किया जाए।
बीसीसीआई के एक सूत्र ने इंसाइडस्पोर्ट से कहा, 'कुछ फ्रेंचाइजी ने पिछले कुछ संस्करण में प्लेइंग इलेवन में विदेशी खिलाड़ियों को बढ़ाने की मांग की थी। बीसीसीआई को इस बारे में गंभीर विचार करने की जरूरत है। अब कुछ फ्रेंचाइजी ने एक बार फिर इस संबंध में गुजारिश की है। अब देखना होगा कि बीसीसीआई इस पर क्या विचार करती है।' अगर बीसीसीआई इस बात को मान जाती है तो प्लेइंग इलेवन में भारतीय खिलाड़ियों की संख्या 7 से घटकर 6 हो जाती है, जो बीसीसीआई शायद नहीं चाहता होगा। इसलिए ऐसी उम्मीद है कि इसे हरी झंडी नहीं मिल जाए।
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