नई दिल्ली: टीम इंडिया (India Cricket team) के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (Mahendra Singh Dhoni) के दुनियाभर में फैंस मौजूद है। एमएस धोनी बड़ी संख्या में लोगों के प्रेरणास्रोत हैं। पूर्व भारतीय कप्तान मैदान पर अपने शांत स्वभाव के लिए मशहूर थे, जो दबाव की स्थिति में भी बिखरते नहीं थे। कैप्टन कूल के नाम से मशहूर धोनी भारत के सबसे सम्मानित और प्रेरणास्रोत खिलाड़ियों में से एक हैं।
एमएस धोनी की जिंदगी से एक पैरालंपिक एथलीट रंजीत सिंह भी काफी प्रभावित हुए हैं। रंजीत सिंह का 2012 में गंभीर एक्सीडेंट हुआ था। उनकी चोट इतनी गंभीर थी कि चार सप्ताह तक उनको वेंटीलेटर पर रखा गया था। सिंह तब मौत से लड़ाई कर रहे थे। मौत से तो रंजीत सिंह ने जंग जीत ली, लेकिन अब वह दुर्घटना के दौरान अपने दाएं पैर पर लगी चोट की गंभीरता के कारण सामान्य आधार पर चलने में असमर्थ हैं।
एमएस धोनी पर बनी फिल्म एमएस धोनी: द अनटोल्ड स्टोरी से रंजीत सिंह को प्रेरणा मिली। दुर्घटना के बाद रंजीत सिंह ने अपनी नौकरी छोड़ी और अब जेवलिन थ्रो वर्ग में टोक्यो पैरालंपिक्स में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। ट्रायल्स में रंजीत सिंह ने 44.50 मीटर की दूरी पर भाला फेंका और वह वो भारतीय पैरालंपिक दल का हिस्सा हैं। रंजीत के माता-पिता के मन में अपने बेटे को खेल के क्षेत्र में भेजने की झिझक थी।
रंजीत सिंह ने सभी बाधाओं से पार पाया और इस साल पैरालंपिक्स में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। तीन साल पहले हरियाणा राज्य चैंपियनशिप में रंजीत ने जेवलिन थ्रो प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीता था। बता दें कि एमएस धोनी ने 15 अगस्त 2020 को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया।
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