मुंबई: एमएस धोनी की कप्तानी वाली चेन्नई सुपर किंग्स को रविवार को गुजरात टाइटन्स के खिलाफ 7 विकेट के अंतर से हार का सामना करना पड़ा। इस मैच में चेन्नई ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया और 20 ओवर में 5 विकेट खोकर 133 रन बना सकी। ऐसे में गुजरात ने जीत के लिए मिले 134 रन के लक्ष्य को 5 गेंद और 7 विकेट शेष रहते हासिल कर लिया। 13वें मैच में यह सीएसके की नौवीं हार थी।
ठीक नहीं था पहले बल्लेबाजी का फैसला
एक बार फिर सीएसके की हार के बाद प्रेजेंटेशन के दौरान धोनी ने कहा, पहले बल्लेबाजी करने का फैसला सही नहीं था। पहली पारी में तेज गेंदबाजों के खिलाफ शॉट लगा पाना बेहद मुश्किल काम था, स्पिनर्स के खिलाफ भी तकरीबन ऐसा ही हाल था। बीच के ओवरों में अगर हम कुछ रन और बना पाते तो बेहतर होता। साई सुदर्शन ने अच्छी गेंदबाजी की।
शिवम को पहले बल्लेबाजी के लिए क्यों नहीं भेजा
धोनी ने धीम रन गति के बावजूद शिवम दुबे को बल्लेबाजी के लिए ऊपर नहीं भेजने के फैसले के बारे में कहा, हम शिवम को बल्लेबाजी के लिए ऊपर भेज सकते थे लेकिन ऐसा करने से जगदीशन को एक अतिरिक्त मैच देने का हमारा उद्देश्य पूरा नहीं होता। यह एक रणनीतिक निर्णय था जो हमने किया। अगर ये टूर्नामेंट के बीच का मैच होता तो हम बांए हाथ के बल्लेबाज को निश्चित तौर पर ऊपर भेजते, लेकिन मौजूदा परिस्थिति में हम चाहते थे कि जग्गी(जगदीशन) पिच पर कुछ समय गुजारें।
जूनियर मलिंगा की तारीफ में पढ़े कसीदे
मथीशा पथिराना के डेब्यू मैच में प्रदर्शन के बारे में चर्चा करते हुए धोनी ने कहा, वो एक शानदार डेथ बॉलर हैं। वो मलिंगा की तरह हैं, उनके गेंदबाजी एक्शन की वजह से गलती होने की संभावना भी अधिक है क्योंकि स्लिंग एक्शन की वजह से उनकी गेंदों को उछाल कम मिलता है। वो अगर एक गज की भी गेंद को सही जगह फेंकने में गलती करते हैं भी गेंद ज्यादा नहीं उछलेगी और गेंद बल्ले पर नहीं लगेगी। उसे फ्लिक करना भी मुश्किल होगा।
धोनी ने आगे कहा, उनके पास अच्छी स्लोअर डिलिवरी भी है आपको उसे बेहद सावधानी से खेलना पड़ता है। उसके लिए आपको कुछ अतिरिक्त सेकेंड खर्च करने पड़ते हैं, वो तेज गति से गेंदबाजी करते हैं ऐसे में उनके खिलाफ लगातार शॉट मार पाना आसान नहीं होता।
आखिरी मैच में क्या होगी रणनीति
आपका लीग में एक मैच और बचा है तो हम आपकी टीम से क्या आशा करें, इसके जवाब में धोनी ने कहा, हम अपने खिलाड़ियों को पर्याप्त समय देना चाहते हैं। कई बार ऐसी स्थिति में आप सोचते हैं कि एक मैच और जीतकर अपने खाते में दो अंक जोड़ना चाहते हैं। जिन खिलाड़ियों को एकादश में शामिल नहीं किया जा सका और जिन्हें बैटिंग का मौका नहीं मिल सका उन्हें हम मौका देना चाहते हैं और एक अच्छी एकादश के साथ मैच में उतरना चाहते हैं। ऐसा नहीं है कि वो टीम कमजोर होगी। अगले मैच में भी पहले बल्लेबाजी करना चाहेंगे।
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