ढाका: कुछ प्रतिभाशाली क्रिकेटरों पर कोरोना काल में बदलते कार्यक्रम काफी भारी पड़े हैं। बांग्लादेश के तेज गेंदबाज मुस्ताफिजुर रहमान को कोविड-19 महामारी के कारण राष्ट्रीय टीम का श्रीलंका दौरा रद्द होने के बाद इंडियन प्रीमियर लीग में नहीं खेल पाने और इससे होने वाली कमाई को गंवाने का मलाल है। सोमवार को बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) के अध्यक्ष नजमुल हसन ने श्रीलंका क्रिकेट (एसएलसी) को अगले महीने प्रस्तावित तीन मैचों की टेस्ट श्रृंखला का कार्यक्रम दोबारा तैयार करने को कहा क्योंकि बोर्ड महामारी के कारण मेजबान देश के 14 दिन के पृथकवास के नियम को मानने के लिए तैयार नहीं था।
‘क्रिकबज’ ने मुस्ताफिजुर के हवाले से कहा, ‘‘टेस्ट श्रृंखला में खेलना शानदार होता। हमें 14 दिन के लिए पृथकवास में रखने का श्रीलंका का प्रस्ताव हमारे लिए मानना संभव नहीं था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इतनी महत्वपूर्ण श्रृंखला से पहले आप कमरे में नहीं बैठे रह सकते, आप फिर चाहे भले ही कितनी कड़ी ट्रेनिंग कर लो। बीसीबी ने प्रयास किया लेकिन 14 दिन का पृथकवास उनका नियम है। मुझे लगता है कि हमें इसका सम्मान करना चाहिए।’’
अगर मैं आईपीएल में खेलता तो 1 करोड़ कमाता
मुस्ताफिजुर ने कहा, ‘‘अगर बीसीबी को पता होता कि श्रीलंका का दौरा स्थगित होगा तो वे मुझे आईपीएल के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दे देते। लेकिन जो भी होता है अच्छे के लिए होता है। अगर मैं आईपीएल खेलता को एक करोड़ बांग्लादेश टका (तकरीबन 87 लाख रुपये) कमा सकता था।’’ मुंबई इंडियन्स और कोलकाता नाइट राइडर्स ने उन्हें अनुबंधित करने की इच्छा जताई थी लेकिन राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के कारण उन्हें आईपीएल में खेलने के लिए एनओसी नहीं दी गई।
बीसीबी ने इससे पहले मुस्ताफिजुर को चोट से जुड़ी चिंताओं के कारण 2015-16 में पाकिस्तान सुपर लीग में खेलने के लिए एनओसी देने से इनकार कर दिया था। बोर्ड ने तब मुआवजे के तौर पर उन्हें 30 लाख टका दिए थे। हालांकि वेबसाइट के अनुसार बीसीबी के क्रिकेट संचालन चेयरमैन अकरम खान ने साफ कर दिया है कि इस बार उन्हें कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा।
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