नई दिल्ली: वक्त बहुत बलवान होता है। आईपीएल (IPL) के दौरान हम देख ही रहे हैं कि कितने खिलाड़ी कहां-कहां से आकर अपना नाम कमा रहे हैं। वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो कहीं गुम से हो गए। सही कहते हैं, उसके आगे किसी की भी नहीं चलती। ऐसा ही कुछ न्यूजीलैंज के पूर्व दिग्गज ऑलराउंडर क्रिस क्रेंस की जिंदगी में भी हुआ। आज ही के दिन (15 अक्टूबर) न्यूजीलैंड को अपने दम पर भारत के खिलाफ आईसीसी नॉकआउट टूर्नामेंट के फाइनल में यादगार जीत दिलाने वाला ये खिलाड़ी आज पाई-पाई को मोहताज है। 20 साल पहले वो दौर था जब वो अपनी टीम के स्टार खिलाड़ी थे और पूरी दुनिया में उनकी तूती बोलती थी। इस दम पर उन्होंने न्यूजीलैंड को पहली बार कोई आईसीसी खिताब दिलाया था।
साल 2000 में कीनिया के नैरोबी में खेली गए आईसीसी नॉकआउट टूर्नामेंट जिसे मिनी विश्व कप भी कहा जाता था। उसमें वो सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम इंडिया और जीत के बीच बाधा बन गए थे। मैच में न्यूजीलैंड के कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया था।
पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम को सौरव गांगुली और सचिन तेंदुलकर की ओपनिंग जोड़ी ने शानदार शुरुआत दी। दोनों ने पहले विकेट के लिए 141 रन की साझेदारी की। सचिन तेंदुलकर के 69 रन बनाकर आउट होने पर ये साझेदारी टूटी। इसके बाद सौरव गांगुली एक छोर थामे रहे और दूसरे छोर से लगातार विकेट गिरते रहे। ऐसे में निर्धारित 50 ओवर में टीम इंडिया ने सौरव गांगुली की कप्तानी शतक की बदौलत 6 विकेट पर 264 रन का स्कोर खड़ा किया।
क्रेंस ने नाबाद शतक जड़कर छीन ली थी जीत
इसके बाद बल्लेबाजी करने उतरी कीवी टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। भारतीय गेंदबाजों ने कसी हुई गेंदबाजी करते हुए 18.5 ओवर में 109 पर पर चार कीवी बल्लेबाजों को पवेलियन वापस भेज दिया था। ऐसे में क्रिस कैर्न्स ने एक छोर थाम लिया। 132 के स्कोर पर क्रेग मैक्मिलन के रूप में पांचवां विकेट गंवाते ही ऐसा लगा कि भारतीय टीम आसानी से खिताब अपने नाम कर लेगी। ऐसे में कैर्न्स ने क्रिस हैरिस के साथ छठे विकेट के लिए 122 रन की साझेदारी करके भारत को मुश्किल में डाल दिया था। जीत के मुहाने पर पहुंचने के बाद हैरिस 72 गेंद पर 46 रन बनाकर पवेलियन लौट गए। ऐसे में शतकवीर कैर्न्स ने 113 गेंद में नाबाद 102 रन की पारी खेलकर अपनी टीम को 2 गेंद और 4 विकेट रहते जीत दिला दी। अपनी इस पारी में कैर्न्स ने 8 चौके और 2 छक्के जड़े।
ऐसा रहा कैर्न्स का करियर
साल 2006 में कैर्न्स ने कीवी टीम के लिए अपना आखिरी वनडे श्रीलंका के खिलाफ नेपियर में और आखिरी टी20 मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ ऑक्लैंड में खेला था।कैर्न्स ने साल 1989 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कदम रखा था। उन्होंने 62 टेस्ट मैचों में 3,320 और 215 वनडे में 4,950 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट में 9 शतक और 48 अर्धशतक जड़े। वहीं इस दौरान गेंदबाजी में उन्होंने टेस्ट में 218 और वनडे में 201 विकेट अपने नाम किये।
मैच फीक्सिंग के आरोपों से हुआ नुकसान
कैर्न्स के ऊपर इंडियन क्रिकेट लीग के दौरान मैच फिक्सिंग के आरोप लगे थे। उन आरोपों को कैर्न्स ने नकारा लेकिन बाद में कीवी क्रिकेटर मैच फिक्सिंग के दोषी पाए गए विंसेंट ने आरोप लगाया कि क्रिस ने उन्हें फिक्सिंग का ऑफर दिया था। ब्रैंडन मैक्कलम भी क्रिस कैर्न्स पर यही आरोप लगा चुके थे लेकिन ये कभी साबित नहीं हो सके। हालांकि बाद में कई तरह के विवादों में फंसे रहने के बाद कैर्न्स दीवालिया हो गए उनकी आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई कि परिवार को पालने के लिए ऑकलैंड में बस धोने का काम किया और यहीं पर नगरपालिका के लिए ट्रक भी चलाए क्रिस केर्न्स आज गुमनामी की जिंदगी गुजार रहे हैं।
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