Pakistan cricket: किसी से छुपा नहीं है कि पाकिस्तान में क्रिकेट का क्या हाल है लेकिन हास्यास्पद तब हो जाता है जब वे अपनी तुलना किसी अन्य देश के क्रिकेट या खासतौर पर भारतीय क्रिकेट से करते हैं। कभी मैच फिक्सिंग, कभी खिलाड़ियों के वेतन में कटौती, स्टाफ को देने के लिए रिजर्व ना होना जैसे तमाम अन्य चीजें पाकिस्तान क्रिकेट का हिस्सा बन चुकी हैं। ताजा खबर उनकी चहेती पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) से जुड़ी है जिसको पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) हमेशा बढ़ा-चढ़ाकर पेश करता आया है। इस लीग से फायदे का तो पता नहीं लेकिन 200 करोड़ का घोटाला जरूर हो गया है।
जी हां, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के चेयरमैन एहसान मनी ने खुद स्वीकार किया है कि पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) के पहले दो चरणों के ऑडिट में करीब 200 करोड़ रूपये की वित्तीय अनियमिततायें पायी गयी थीं। बुधवार को ‘पब्लिक अकाउंट्स कमिटी’ के समक्ष पेश हुए मनी को सदस्यों के सवालों का सामना करना पड़ा।
मनी ने इसमें कहा कि पीसीबी स्वायत्त संस्था और वह प्रत्येक ऑडिट की रिपोर्ट को व्यक्तिगत रूप से नहीं देखते। मनी ने समिति के समक्ष और बाद में मीडिया के सामने स्वीकार किया किया कि पाकिस्तान सुपर लीग के पहले दो चरण में करीब 200 करोड़ रूपये की वित्तीय धांधली हुई है और हकीकत यही है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इसको रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) हर कुछ महीने में बीसीसीआई से भिड़ने की कोशिश करता है। कभी विश्व कप के लिए भारत आने का सवाल हो या वही भारत-पाकिस्तान क्रिकेट सीरीज को आयोजित करने का घिसा-पिटा सवाल। लेकिन वो ये भूल जाता है कि वो दुनिया के सबसे ताकतवर क्रिकेट बोर्ड से भिड़ रहा होता है जबकि खुद उनकी हालत ये है कि उनके बोर्ड के पास खिलाड़ियों के कोरोना टेस्ट के पैसे भी नहीं हैं, या वे खर्च करना नहीं चाहते। हाल ही में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपने देश के तमाम घरेलू खिलाड़ियों को साफ कह दिया था कि खिलाड़ी टूर्नामेंट के दौरान जो कोरोना टेस्ट कराएंगे उसके शुरुआती पैसे उन्हें खुद ही भरने होंगे।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की समस्या इक्का-दुक्का नहीं हैं लेकिन उनको सुलझाने के बजाय वो घोटाले करने में जुटे थे। जिस 200 करोड़ के घोटाले का जिक्र हो रहा है, वो और भी बड़ा हो सकता है। हाल ही में इसी पाकिस्तान सुपर लीग की सभी टीमों के मालिक पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के खिलाफ अदालत पहुंचे थे। इन फ्रेंचाइजी टीमों का आरोप था कि, वित्तीय मॉडल का झुकाव पीसीबी के पक्ष में है जिससे बोर्ड ने पीएसएल से पिछले पांच वर्षों में अरबों रुपए कमाए हैं।
उनके मुताबिक अरबों रुपये कमाए गए फिर भी टीम के मालिकों को अब भी नुकसान उठाना पड़ रहा है। पिछले हफ्ते इस मामले की पहली सुनवाई के दौरान पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की विधिक टीम ने फ्रेंचाइजी मालिकों के खिलाफ कड़ा रूख अख्तियार किया। अब बताया जा रहा है कि पूरे मामले व विवाद को अदालत के बाहर सुलझाने की कवायद हो रही है ताकि पूरी दुनिया में पाकिस्तान और उसके क्रिकेट बोर्ड को शर्मिंदा ना होना पड़े।
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