शारजाह: अहर आपके ये सीखना हो कि एक ही मैच में जीरो से हीरो कैसे बना जा सकता है तो ये बात राजस्थान रॉयल्स को रविवार को पंजाब के खिलाफ जीत दिलाने वाले राहुल तेवतिया से बेहतर और कोई नहीं बता सकता। पंजाब के खिलाफ जीत के लिए 224 रन के लक्ष्य का पीछा करने उतरी राजस्थान रॉयल्स ने कप्तान स्टीव स्मिथ के आउट होने के बाद राहुल तेवतिया को प्रमोट करके चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा।
संजू सैमसन के साथ पिच पर दूसरा छोर थामे राहुल तेवतिया शुरुआत में संघर्ष कर रहे थे। शुरुआती 19 गेंद में वो केवल 8 रन बना सके थे ऐसे में राजस्थान रॉयल्स के ऊपर लगातार दबाव बढ़ रहा था और इस दबाव को कम करने की कोशिश में संजू सैमसन 17वें ओवर की पहली गेंद पर मोहम्मद शमी की गेंद पर आउट होकर पवेलियन लौट गए। ऐसे में टीम को जीत दिलाने का दारोमदार राहुल तेवतिया के ऊपर आ गया। जब सैमसन आउट हुए तब तेवतिया 21 गेंद में 14 रन बनाकर खेल रहे थे और टीम को जीत के लिए 23 गेंद में 63 रन बनाने थे।
आखिरी तीन ओवर में बनाने थे जीत के लिए 51 रन
ऐसे में उन्होंने जब 18वें ओवर की शुरुआत में वो शेल्डन कॉट्रेल का सामना करने पहुंचे तब टीम को 18 गेंद में 51 रन की जरूरत थी। ऐसे में तेवतिया ने बांए हाथ के कैरेबियाई गेंदबाज कॉट्रेल के खिलाफ हल्ला बोल दिया और एक-एक करके ओवर में पांच छक्कों की मदद से 30 रन जड़ दिए। कॉट्रेल के ओवर की पांचवीं गेंद का तेवतिया के बल्ले से संपर्क नहीं हुआ। इस तरह पांच छक्कों ने मैच का पासा अचानक पलट दिया। शमी के ओवर में छक्का जड़कर तेवतिया ने टीम 30 गेंद में अपना अर्धशतक पूरा कर लिया। 30 गेंद पर अपना अर्धशतक पूरा करने के बाद शमी की अगली ही गेंद पर वो आउट हो गए लेकिन तब तक राजस्थान की जीत केवल औपचारिकता रह गई थी। तेवतिया ने अपनी पारी की आखिरी आठ गेंदों पर 6 छक्कों की मदद से 36 रन बनाए।
मोमेंटम मिला तो शॉट्स खेलता गया
टीम की जीत के बाद तेवतिया ने कहा, आज तक मैंने जितनी गेंदों का सामना किया शुरुआती 20 गेंदें मेरे लिए सबसे ज्यादा खराब थीं। मैं नेट्स पर गेंदों पर अच्छी तरह प्रहार कर पा रहा इसलिए मुझे खुदपर यकीन था। लेकिन एक बार मुझे मोमंटम मिला तो मैं शॉट्स लगाता चला गया।
खुद पर किया यकीन, और किया पहले छक्के का इंतजार
तेवतिया से जब ये पूछा गया कि शुरुआती 19 गेंद में आप केवल 8 रन बना इसके बाद कैसे सकारात्मक और मानसिक रूप से मजूबत रहे तो उन्होंने कहा, शुरुआत में मैं गेंद को अच्छी तरह नहीं मार पा रहा था लेकिन मैंने जब डगआउट की ओर देखा वो सभी बड़े शॉट्स देखने के लिए आतुर थे। वो जानते हैं कि मैं बड़े शॉट्स खेल सकता हूं।' उन्होंने आगे कहा, उसके बाद मैंने सोचा कि मुझे खुद पर यकीन करना होगा। केवल एक छक्का निकलने की देर है और सब ठीक हो जाएगा अंत में ऐसा ही हुआ। मैंने पहले लेग स्पिनर के खिलाफ शॉट्स लगाने की कोशिश की लेकिन मैं नाकाम रहा। ऐसे में मुझे किसी और गेंदबाज के खिलाफ आक्रमण करना था और कॉट्रेल के खिलाफ मैंने पांच छक्के जड़ दिए। लेकिन वो शानदार अनुभव था।
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