नई दिल्ली: टीम इंडिया के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन सीमित ओवर क्रिकेट में भले ही अब राष्ट्रीय टीम का हिस्सा नहीं हो, लेकिन उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में सफेद गेंद काफी सफलता हासिल की थी। पेशे से ऑफ स्पिनर रहे अश्विन ने इतने सालों में अपनी गेंदबाजी में काफी मिश्रण किए। कुछ काम कर गए तो कुछ फीके पड़े, लेकिन तमिलनाडु के ऑफ स्पिनर को कुछ नया प्रयोग करते रहने के लिए हमेशा पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी का समर्थन मिला।
अश्विन ने स्पोर्ट्सकीड़ा के साथ बातचीत में बताया कि एमएस धोनी किस तरह उनका समर्थन करते थे, जिनके नेतृत्व में उन्होंने भारतीय क्रिकेट टीम व चेन्नई सुपरकिंग्स में खेला। एमएस धोनी इस बात के लिए जाने जाते हैं कि वह युवा खिलाड़ियों की मदद करते हैं और उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन निकालना जानते हैं। धोनी को अश्विन के साथ पहली बार 2009 आईपीएल में काम करने का मौका मिला, जब चेन्नई के क्रिकेटर को कम ही लोग जानते थे।
अश्विन ने कहा, 'एक कहानी बताता हूं, जिसे कई लोग शायद एमएस धोनी के साथ नहीं जोड़ेंगे, लेकिन मैं इस बात को सामने लाना चाहता हूं। कई बार जब लोग पूछते हैं कि एमएस धोनी ऐसा कैसे कर लेते हैं? युवाओं से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कैसे करा लेते हैं? तो बता दूं कि एमएस धोनी हमेशा प्रक्रिया की बात करते हैं और वह अपने कई राज बताते नहीं हैं। मगर एक व्यक्ति, जिसने मुझे हर दिन हर समय नया प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया, तो वो एमएस धोनी हैं।'
धोनी को प्रतिभा तराशने के लिए जाना जाता है और अश्विन के साथ मामला अलग नहीं है। ऑफ स्पिनर के साथ एमएस ने सिर्फ इस पर ध्यान नहीं दिया कि उनमें प्रतिभा है, लेकिन उन्हें प्रयोग में लाने में मदद की। हर स्थिति में उन्होंने अश्विन को नए प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
अश्विन और धोनी का अब एकसाथ भारतीय टीम में खेलना मुश्किल है। अब अश्विन आईपीएल में दिल्ली कैपिटल्स का प्रतिनिधित्व करते दिखेंगे तो ऐसे में धोनी के साथ उनकी साझेदारी शायद ही देखने को मिले। मगर क्रिकेट में कुछ भी हो सकता है।
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