नई दिल्ली: राजस्थान रॉयल्स ने रविवार को सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ आईपीएल 2021 के 28वें मैच में दिल्ली के क्रिकेटर अनुज रावत को डेब्यू का मौका दिया। अनुत रावत को ऑलराउंडर शिवम दुबे की जगह शामिल किया गया है, जिसे अपने भाग्य के बदलने की उम्मीद होगी क्योंकि मौजूदा सीजन में उसकी शुरूआत बेहद खराब रही है। संजू सैमसन के नेतृत्व वाली फ्रेंचाइजी निरंतर बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब नहीं रही है। रॉयल्स ने 6 में से केवल दो मैच जीते हैं। मगर राजस्थान रॉयल्स के लिए डेब्यू करने वाले अनुज रावत कौन है? चलिए पता करते हैं।
अनुज रावत बाएं हाथ के बल्लेबाज हैं, जो उत्तराखड़ के नैनीताल जिला के छोटे से गांव से हैं। वह किसानों के परिवार से आते हैं और अनुज रावत के पिता अपने जवानी के दिनों में क्रिकेट खेला करते थे। अनुज रावत के गांव रूपुर में खेल सुविधाएं नहीं थी। प्रतिभाशाली विकेटकीपर बल्लेबाज को रामनगर में सुविधा मिली, जो उनके घर से करीब पांच किमी दूर थी। अनुज रावत ने धीरे-धीरे प्रगति की और फिर वेस्ट दिल्ली क्रिकेट एकेडमी से जुड़े, जो भारतीय कप्तान विराट कोहली के बचपन के कोच राजकुमार शर्मा चलाते हैं। मगर अनुज रावत की आर्थिक स्थिति कमजोर थी और पेशेवर स्तर पर क्रिकेट खेलने के सपने को जारी रखने के लिए उनके परिवार को लोन का इंतजाम करना पड़ा।
रावत के पिता वीरेंद्र पाल सिंह रावत ने 2018 में द स्टेट्समैन को कहा था, 'मैं अपनी जवानी के दिनों में क्रिकेट खेला करता था और ये मेरा सपना था कि मेरा बेटा क्रिकेट खेले। जब अनुज छोटा था, तो वह सीधा बल्ला पकड़ता था। उसके कोच सतीश पोखरियाल ने सलाह दी कि अगर मेरा बेटा पेशेवर क्रिकेट खेलना चाहते तो उसे नई दिल्ली में ट्रेनिंग भेजूं।'
इसके बाद अनुज रावत अपनी मेहनत के दम पर भारतीय अंडर-19 टीम में पहुंचे और जल्द ही कप्तान बने। श्रीलंका दौरे पर अनुज रावत ने भारतीय टीम की अगुवाई की, जिसमें महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के बेटे अर्जुन तेंदुलकर भी शामिल थे। 21 साल के अनुज रावत ने अपने छोटे से करियर में गौतम गंभीर और ईशांत शर्मा के साथ अभ्यास किया और भारतीय क्रिकेट के इन दो दिग्गजों से मूल्यवान क्रिकेट की बारीकियां सीखीं।
अनुत रावत ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, 'गौतम भैया स्लिप में फील्डिंग करते थे और हर गेंद के बाद मुझे सिखाते थे। वो बताते थे कि कितनी दूर मुझे स्टंप्स से जाना है ताकि गेंद आसानी से पकड़ सकूं। उन्होंने मुझे एक चीज सिखाई- हमेशा अपने गेंदबाजों को अच्छे से जान लो।' उन्होंने आगे कहा, 'जब ईशांत भैया गेंदबाजी करते थे तो मुझे बताते थे कि स्टंप से कितना दूर रहूं और मेरे पैरों का मूवमेंट कैसा होना चाहिए। उन्होंने मुझे सिखाया कि विकेट के पीछे विश्वास से भरा होना कितना जरूरी है। जब स्लिप में फील्डिंग करें तो वो हमेशा कहते हैं, शांत रह, विश्वास से भरा रहे। गेंद को देख और उस हिसाब से अपने पैर चला।'
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