यूपी का 25 साल का वो 'डॉन' जिसने ली थी यूपी के मुख्यमंत्री की सुपारी, खौफ इतना कि नाम से कांपते थे लोग

क्राइम
रवि वैश्य
Updated Mar 16, 2021 | 17:18 IST

Sriprakash Shukla ki Kahani: उत्तर प्रदेश और बिहार में 90 का दशक ऐसा था कि लोग श्रीप्रकाश शुक्ला के नाम से लोग कांपते थे बताते हैं कि 25 साल के इस डॉन से पुलिस के साथ बड़े-बड़े अपराधी भी थर्राते थे।

Sriprakash Shukla
श्रीप्रकाश शुक्ला ने यूपी के CM कल्याण सिंह की सुपारी ले ली थी 
मुख्य बातें
  • श्रीप्रकाश शुक्ला ने बिहार सरकार के मंत्री बृज बिहारी प्रसाद को भून डाला था
  • लखनऊ में बाहुबली राजनेता वीरेंद्र शाही को दिनदहाड़े मौत के घाट उतार दिया था
  • उसने यूपी के CM कल्याण सिंह की सुपारी ले ली थी ये सुपारी करीब 6 करोड़ रुपये में लेने की खबर सामने आई थी

वैसे तो उत्तर प्रदेश और बिहार में एक से बढ़कर एक माफिया और अपराधी हुए हैं जिनके नाम का सिक्का ऐसा चलता था कि लोग आज भी उनके नाम से कांपते हैं, लेकिन पूर्वांचल के माफियाओं की बात करें तो उस लिस्ट में जिस बदमाश का टॉप पर आज भी लिया जाता है वो है श्रीप्रकाश शुक्ला (Sriprakash Shukla) का  यह वही बदमाश है जिसने तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ( Kalyan Singh) के हत्या की सुपारी ली थी जिस खबर से हड़कंप मच गया था और फिर श्रीप्रकाश के खात्मे के लिए यूपी में STF का गठन किया गया था जिसने उसे बाद में ठिकाने लगाया था।

यूपी और बिहार लोग श्रीप्रकाश शुक्ला के नाम से लोग कांपते थे इस डॉन का इतना खौफ था कि उसका नाम ही किसी की हालत खराब करने के लिए काफी होता था श्रीप्रकाश के पास उस समय एके-47 थी जिससे उसने कई घटनाओं को अंजाम देकर अपने दुश्मनों को ठिकाने लगाया।

श्रीप्रकाश शुक्ला का जन्म गोरखपुर में हुआ था

श्रीप्रकाश शुक्ला का जन्म गोरखपुर के मामखोर गांव में हुआ था उसके पिता एक स्कूल में टीचर थे कहा जाता है कि साल 1993 में शुक्ल ने राकेश तिवारी नाम के एक व्यक्ति की हत्या कर दी क्योंकि वह शुक्ल की बहन को देखकर सीटी मार रहा था। यह शुक्ल के द्वारा की गई पहली हत्या थी जिसके बाद तो उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा। इस कांड के बाद श्रीप्रकाश बैंकॉक भाग गया था, वहां से वापस आने के बाद वह बिहार में सूरजभान गैंग में शामिल हो गया था। 

बिहार सरकार के मंत्री बृज बिहारी प्रसाद को भून डाला था

श्रीप्रकाश ने 13 जून 1998 को पटना स्थित इंदिरा गांधी अस्पताल के बाहर बिहार सरकार के मंत्री बृज बिहारी प्रसाद को उनके सुरक्षाकर्मियों के सामने ही गोलियों से भून दिया था इस घटना में उसने एके-47 राइफल का प्रयोग किया था जिससे सनसनी फैल गई थी बताते हैं कि श्रीप्रकाश दो दिन तक मरीज बनकर अस्पताल में जाकर रेकी करता रहा और घटना के दिन उसने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर बृज बिहारी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर उन्हें मौत के घाट उतार डाला।

विधायक वीरेंद्र शाही को लखनऊ में दिनदहाड़े उड़ा डाला था

साल 1997 में लखनऊ में बाहुबली राजनेता वीरेंद्र शाही को उसने दिनदहाड़े मौत के घाट उतार दिया था, महाराजगंज के लक्ष्मीपुर के विधायक वीरेंद्र शाही की उन दिनों तूती बोलती थी उनके मर्डर के बाद श्रीप्रकाश के नाम का सिक्का और तेजी से चलने लगा,  श्रीप्रकाश ने अपनी हिट लिस्ट में दूसरा नाम रखा कल्याण सरकार में कैबिनेट मंत्री हरिशंकर तिवारी का हालांकि इस काम में वो नाकाम रहा था।

यूपी के CM कल्याण सिंह की ली थी सुपारी 

बिहार के मंत्री बृजबिहारी के कत्ल का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि ऐसी खबर सामने आई कि श्रीप्रकाश शुक्ला ने यूपी के CM कल्याण सिंह की सुपारी ले ली, ये सुपारी करीब 6 करोड़ रुपये में लेने की खबर सामने आई थी। इस खबर से राज्य की सत्ता के उपर से लेकर नीचे तक सारे तार हिल गए थे। फिर तो सारी सरकारी मशीनरी के निशाने पर श्रीप्रकाश शुक्ला आ गया और उसकी सघनता से तलाश होने लगी।

STF को लगाया गया मिशन श्रीप्रकाश शुक्ला के खात्मे पर 

इसके बाद यूपी पुलिस के तत्कालीन एडीजी अजयराज शर्मा ने इसके बाद 4 मई 1998 को राज्य पुलिस के बेहतरीन 50 जवानों को चुनकर स्पेशल टास्क फोर्स (STF) बनाई इस फोर्स का एकमात्र उदे्श्य था श्रीप्रकाश शुक्ला को जिंदा या मुर्दा पकड़ना..इस बीच 22 सितंबर 1998 को एसटीएफ के प्रभारी अरुण कुमार को सूचना मिली कि श्रीप्रकाश दिल्ली से गाजियाबाद की तरफ आ रहा है जैसे उसकी कार इंदिरापुरम के सुनसान इलाके में दाखिल हुई, एसटीएफ ने उसे घेर लिया। श्रीप्रकाश शुक्ला को सरेंडर करने को कहा गया लेकिन वह नहीं माना और फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में श्रीप्रकाश मारा गया और उसके साथ ही यूपी के अपराध का एक बड़ा चेप्टर क्लोज हुआ।
 

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