दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) और दिल्ली के जामिया इलाके में कथित भड़काऊ भाषणों के संबंध में शरजील इमाम पर देशद्रोह का आरोप लगाने का आदेश दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने शरजील इमाम के खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए (देशद्रोह), 153ए, 153बी, 505 और UAPA की 13 के तहत आरोप तय करने के आदेश पारित किए हैं।
जेएनयू के पूर्व छात्र और शाहीन बाग प्रोस्टेट के प्रमुख आयोजकों में से एक शरजील इमाम को 2020 में बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था। दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें जामिया मिल्लिया इस्लामिया में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के मामले में जमानत दी थी। दिसंबर 2019 में विश्वविद्यालय के बाहर हिंसा हुई थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भी 2019 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में सीएए के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण से संबंधित एक मामले में इमाम को जमानत दी थी।
इमाम के खिलाफ चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि उन पर देशद्रोही भाषण देने और समुदाय के एक विशेष वर्ग को गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के लिए उकसाने का आरोप है, जो राष्ट्र की संप्रभुता और अखंडता के लिए हानिकारक है। नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध की आड़ में उन्होंने एक विशेष समुदाय के लोगों को प्रमुख शहरों की ओर जाने वाले राजमार्गों को अवरुद्ध करने और 'चक्का जाम' का सहारा लेने का आह्वान किया, जिससे सामान्य जीवन बाधित हो।
देशद्रोह मामला: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दी शरजील इमाम को जमानत
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