दिल्ली पुलिस की IFSO यूनिट यानि साइबर क्राइम यूनिट ने पश्चिम बंगाल ,बेंगलुरु और झारखंड में छापेमारी कर 12 लोगों को गिरफ्तार किया है,जिसमें मास्टर माइंड मुस्लिम अंसारी जामताड़ा से पकड़ा गया है,ये लोग बैंक की फ़र्ज़ी वेबसाइट और एप के जरिये अलग अलग राज्यों में करीब 4000 हज़ार लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं।
दरअसल ये मॉड्यूल पहले फर्जी वेबसाइट्स बनाता और उसमें बाकायदा बैंक के नाम का फर्जी कस्टमर केयर नंबर भी दिया करते थे। इंटरनेट पर इन साइट्स को डाल दिया करते थे। पुलिस के मुताबिक इस गैंग के लोगों ने इंटरनेट पर बैंकों के फ़र्ज़ी कस्टमर केयर नम्बर डाले हुए थे।
वेबसाइट और एप दोनों फ़र्ज़ी होते थे
शिकायतकर्ता जब किसी शिकायत के लिए उन नम्बरों पर फोन करते थे तो गैंग के लोग बैंक अधिकारी बनकर उनसे बात करते थे फिर गैंग के लोग बैंक की वेबसाइट पर जाने और बैंक का एप डाऊनलोड करने के लिए कहते थे,वेबसाइट और एप दोनों फ़र्ज़ी होते थे क्योंकि ये वेबसाइट और एप इनके द्वारा बनाये हुए होते थे।
पीड़ित जैसे ही उस एप को डाउनलोड कर अपना डिटेल डालता पीड़ित के फोन को गैंग के जालसाज हैक कर लेते थे और पीड़ित अपने बैंक खाते की न सिर्फ सारी डिटेल इनको सौंप चुका होता है बल्कि अब वो अपने मोबाइल पर से कंट्रोल भी खो चुका होता है लिहाजा पीड़ित के अकाउंट से पैसे निकलते समय मोबाइल पर आने वाला ओटीपी भी इनके पास आ जाता।
लोगों के अकॉउंट से पैसा निकालकर अपने अकॉउंट में डाल लेते थे
फिर लोगों के अकॉउंट से पैसा निकालकर अपने अकॉउंट में डाल लेते थे,पुलिस के मुताबिक जामताड़ा इलाके में पुलिस की छापेमारी ज्यादा होती है इसलिए ये लोग बेंगलुरु और पश्चिम बंगाल से अलग अलग मॉड्यूल चला रहे थे हर मॉड्यूल का अलग अलग काम था बेंगलुरु का मॉड्यूल टारगेट को फोन करता था, पश्चिम बंगाल का मॉड्यूल सिम कार्ड और ठगी के पैसे जमा करने के लिए 10 प्रतिशत कमीशन पर बैंक अकॉउंट दिलवाता था जबकि जामताड़ा मोड्यूल फ़र्ज़ी, वेबसाइट एप बनाकर इस काम को अंजाम दे रहा था,जबकि मास्टरमाइंड सभी मॉड्यूल से अलग अलग बात करता था।
कस्टमर केयर वाले शख्स ने वेबसाइट का लिंक दिया
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट को एक शिकाएत मिली कि उसने एक बैंक के कस्टमर केयर नंबर को इंटरनेट पर सर्च किया और वहां उसे एक नम्बर मिला जिसे कस्टमर केयर का नम्बर बताया गया था। इस नंबर पर कॉन्टेक्ट करने के बाद इसे कस्टमर केयर वाले शख्स ने उसे वेबसाइट का लिंक दिया और इसपर अपनी शिकायत पोस्ट करने की सलाह दी। ये वेबसाइट हूबहू उसी बैंक की वेबसाइट की तरह दिखती थी और इसपर बाकायदा बैंक का लोगो भी लगा था, जैसा कि कस्टमर केयर ने कहा था इस पीड़ित ने बैंक से रिलेटेड अपनी शिकायत पूरे एकाउंट नंबर के साथ इसपर कर दी।
वेस्ट बंगाल में एक अलग मॉड्यूल काम करता है
जांच में पता चला कि इनका वेस्ट बंगाल में एक अलग मॉड्यूल काम करता है जो इन्हें सिम कार्ड और बैंक अकाउंट प्रोवाइड कराता था, इन्फॉर्मेशन के बाद IFSO यूनिट ने वेस्ट बंगाल और जामताड़ा में रेड्स की। और वहां से कुछ जालसाजों को गिरफ्तार किया। वेस्ट बंगाल मॉड्यूल अलग अलग ऑनलाइन चीटिंग गैंग्स को लॉजिस्टिक प्रोवाइड कराता था साथ ही नारकोटिक्स ट्रैफिकिंग गैंग्स की भी मदद करता था शुरुआती जांच में ये भी पता लगा है कि अफ्रीकन नागरिक वेस्ट बंगाल और नार्थ ईस्ट के राज्यो के सिम कार्ड बातचीत के लिए इस्तेमाल करते है।
इनकी गिरफ्तारी से पूरे भारत मे लगभग 1000 केसों में इनका इंवॉलमेंट मिला है
इनके पास से 26 मोबाइल फोन, 1 लैपटॉप, 156 सिम कार्ड, 11 एटीएम कार्ड बरामद किए गए है। इनकी गिरफ्तारी से पूरे भारत मे लगभग 1000 केसों में इनका इंवॉलमेंट मिला है। हालाकि जांच जैसे जैसे आगे बढ़ेगी पुलिस को उम्मीद है कि करीब 4000 से ज्यादा लोगो को इन जालसजो ने अपनी ठगी का शिकार बनाया है। जामताड़ा बेस्ड इस मॉड्यूल का मास्टरमाइंड मुस्लिम अंसारी ऐसे कई मॉड्यूल के सम्पर्क में था वो भी बिना किसी कम्युनिकेशन लेयर के इनके पास से 111 बैंक एकाउंट जो मिले है उन्हें फ्रीज कर दिया गया है।