नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के रोहिणी कोर्ट में शुक्रवार को उस समय हडकंप मच गया जब कोर्टरूम के अंदर अंधाधुंध फायरिंग शुरू हो गई। दिल्ली की रोहिणी वकील के वेश में आये दो हमलावरों ने गोली मारकर गैंगस्टर जितेंद्र गोगी (Jitender Gogi ) की हत्या कर दी। पुलिस की तत्परता से की गयी जवाबी कार्रवाई में दोनों हमलावर भी मारे गए। इस घटना के बाद कोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल ये हैं कि हमलावर हथियारों से लैस होकर कोर्टरूम के अंदर तक कैसे पहुंच गए? यह साफ तौर पर सुरक्षा में खामी और पुलिस की लापरवाही को भी उजागर करता है।
इस घटना के बाद दिल्ली के सभी अदालतों की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है। वहीं दिल्ली पुलिस को आशंका है कि गोगी के मारे जाने के बाद दिल्ली की जेलों में गैंगवार छिड़ सकता है। इसी आशंका को ध्यान में रखते हुए तिहाड़ जेल, मंडोली जेल और रोहिणी जेल समेत राजधानी की सभी जेलों को 'अलर्ट' पर रखा गया है। इन जेलों में सभी गैंग के सदस्य हैं। गैंग के प्रमुख सदस्यों को तिहाड़ जेल में रखा गया है और गोगी की हत्या के बाद ये सदस्य बदला लेने की पूरी कोशिश करेंगे, ऐसी पुलिस को आशंका है।
शुक्रवार को रोहिणी कोर्ट में हुई गोलीबारी का वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहा है। दोपहर करीब 1.15 बजे हुई जब गोगी को सुनवाई के लिए अदालत कक्ष संख्या 207 लाया गया। जैसे ही गोगी ने कोर्ट रूम पहुंचा तो वकीलों के वेश में आए दो लोगों ने अपनी पिस्तौलें निकालीं और अचानक उस पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। गोलियों की आवाज सुनने के बाद, लोग अदालत कक्ष के अंदर अपनी जान बचाने के लिए भागने लगे और जज भी कोर्ट रूम के ठीक पीछे अपने कार्यालय वापस चले गए। गोगी को करीब 10 गोलियां मारीं गईं।
इसके बाद पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की। बाद में, दिल्ली पुलिस ने एक ट्वीट में कहा, 'दो गैंगस्टर पुलिस की तत्काल जवाबी गोलीबारी में मारे गए, क्योंकि उन्होंने रोहिणी अदालत परिसर में एक गैंगस्टर यूटीपी (विचाराधीन कैदी) पर वकीलों की पोशाक में गोलियां चलाईं। सभी तीन गैंगस्टर मारे गए। कोई अन्य घायल या मौत नहीं हुई।' पुलिस के मुताबिक, जितेंद्र मान उर्फ गोगी, जिसके सिर पर 6.5 लाख रुपये का इनाम था, को उसके तीन साथियों के साथ पिछले साल मार्च में स्पेशल सेल की एक टीम ने गुड़गांव से गिरफ्तार किया था।