अंकिता भंडारी हत्याकांड में खुलासे पर खुलासे हो रहे हैं। सत्ता के नशे में डूबे लोगों ने इस मासूम को सिर्फ इसलिए मार डाला क्योंकि इसने गलत काम करने से इंकार कर दिया था। अंकिता सिर्फ 22 दिन ही नौकरी कर पाई थी। पिछले सात दिनों से वो लापता थी, जिसके बाद शनिवार को उसकी लाश मिली थी। अंकिता के ऊपर खास गेस्ट के लिए खास काम करने के लिए दवाब बनाया जा रहा था, जिससे वो इंकार कर रही थी।
कौन थी अंकिता भंडारी
अंकिता भंडारी एक साधारण परिवार से आती थी। उसकी आंखों में भी बाकी लड़कियों की तरह ऊंची उड़ान भरने के सपने थे। परिवार के मना करने के बाद भी होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया और अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश कर रही थी। 19 साल की अंकिता पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित एक रिसॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट की नौकरी कर रही थी। इस नौकरी से वो ज्यादा खुश नहीं थी, इसलिए दूसरी नौकरी की तलाश भी कर रही थी।
पुलिस ने हत्या को लेकर क्या कहा
डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि अंकिता भंडारी पर रिसॉर्ट के मालिक द्वारा मेहमानों को "विशेष सेवाएं" प्रदान करने का दबाव बनाया जा रहा था। उत्तराखंड के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने कहा कि लड़की की अपने एक दोस्त के साथ हुई बातचीत से ये पता चला है।
कौन था वो खास शख्स
रिपोर्टों के अनुसार अंकिता के एक दोस्त ने दावा किया है कि उसे रिसोर्ट में आने वाले बड़े-बड़े लोगों के साथ संबंध बनाने के लिए कहा जाता था, जिसका वो विरोध कर रही थी। रिसॉर्ट के मालिक अंकिता से वेश्यावृति करने के लिए कहते थे। जब अंकिता नहीं मानी तो उन्होंने उसकी हत्या कर दी।
कौन-कौन पकड़ाया
अंकिता भंडारी की हत्या के मामले में बीजेपी नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित को गिरफ्तार किया गया है। इस घटना के सामने आने के बाद भाजपा ने विनोद आर्य और उनके बेटे अंकित को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। अंकिता भंडारी का शव चीला नहर से बरामद किया गया था, जहां आरोपी ने उसे कथित तौर पर मार कर फेंक दिया था। कहा जा रहा है कि मामले में गिरफ्तार आरोपी पुलकित आर्य, रिसॉर्ट मैनेजर सौरभ भास्कर और सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता ने अंकिता की हत्या कर शव को नहर में फेंकने की बात कबूल कर ली है। हत्या के तीनों आरोपियों को एक अदालत ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
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