दिल्ली की एक अदालत ने सोमवार को 'बुली बाई' ऐप मामले के आरोपी नीरज बिश्नोई और 'सुल्ली डील्स' ऐप के निर्माता ओंकारेश्वर ठाकुर को मानवीय आधार पर जमानत दे दी।अदालत ने माना कि आरोपी पहली बार अपराधी हैं और लगातार जेल में रहना उनकी समग्र भलाई के लिए हानिकारक होगा।अदालत ने आरोपी व्यक्तियों पर सख्त शर्तें लगाई थीं ताकि वे किसी गवाह को धमका न सकें और किसी भी सबूत को खराब न कर सकें।
अदालत ने लगाई शर्तें
शर्तों में यह शामिल है कि आरोपी व्यक्ति किसी भी पीड़ित से संपर्क करने, प्रभावित करने, प्रेरित करने का प्रयास नहीं करेगा।आदेश में कहा गया है कि आरोपी व्यक्ति सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा, जांच अधिकारी को अपना संपर्क विवरण प्रदान करेगा और अपना फोन चालू रखेगा और आईओ को अपना स्थान प्रदान करेगा।आदेश में कहा गया है कि आरोपी देश छोड़कर नहीं जाएंगे और हर तारीख को अदालत के सामने पेश होंगे, जमानत पर रहते हुए एक समान अपराध नहीं करेंगे।
2022 की शुरुआत चौंकाने वाली रही
2022 की शुरूआत, सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं के लिए बेहद चौंकाने वाली रही थी। महिलाओं के बारे में , एक ऐप के जरिए न केवल गलत जानकारियां फैलाई जा रही थीं, बल्कि ऑनलाइन उनकी बोली भी लगाई जा रही थी। यह ऐप था "Bulli Bai"। इस ऐप के जरिए अपने-अपने फील्ड में प्रभावशाली रूप से काम करने वाली महिलाओं को टारगेट किया जा रहा था। बुली बाई ऐप का उसी तरह इस्तेमाल किया जा रहा था, जैसे सुल्ली डील ऐप को बनाकर मुस्लिम महिलाओं को टारगेट किया जा रहा था। महिलाओं की शिकायत के बात पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि बुली बाई ऐप जिस प्लेटफॉर्म गिट हब पर बनाया गया था। उसने ऐप को ब्लॉक कर दिया है। इसके पहले सुल्ली डील भी गिट हब (Git Hub) पर डेवलप किया गया था।