नई दिल्ली: बिहार के सीतागढ़ जिले के मधौल गांव में 2 लोगों ने एक युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। दरअसल, मृतक ने कोरोना हेल्प सेंटर में फोन करके इन युवकों के महाराष्ट्र से आने की खबर दी थी। इसी बात से नाराज होकर इन दोनों ने अपने परिवार के लोगों के साथ मिलकर युवक की पीट-पीटकर हत्या कर दी। पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।
दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों से प्रवासी मजदूर 21 दिन के राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगने के बाद बिहार में अपने घरों में वापस लौटे हैं। हालांकि सरकार ने कहा था कि जो जहां है वो वहीं रहे, लेकिन फिर भी लोग खाने और पैसे की कमी के चलते वापस घर लौटे। बिहार में करोना वायरस के मरीजों की संख्या 15 हो गई है।
कई जगह गांव वाले उन लोगों को गांव में नहीं घुसने दे रहे हैं जो कि अन्य प्रदेशों से आए हैं। सरकार द्वारा भी कहा गया है कि इन लोगों को पहले 14 दिन क्वारंटाइन रहना होगा।
केजरीवाल सरकार पर बरसे नीतीश के मंत्री
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने लॉकडाउन के बावजूद दिल्ली-एनसीआर से बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूरों के पलायन को लेकर सोमवार को आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार ने जिस तरह बाकायदा घोषणा कर, बसों में भरकर प्रवासी मजदूरों को सीमा के बाहर धकेला, उससे बिहार में अभूतपूर्व मानवीय संकट खड़ा हुआ है। संजय ने ट्वीट कर आरोप लगाया, 'दिल्ली सरकार ने जिस तरह बाकायदा घोषणा कर, बसों में भरकर प्रवासी मजदूरों को सीमा के बाहर धकेला, उससे बिहार में अभूतपूर्व मानवीय संकट खड़ा हुआ है। कुछ लोगों की ढिठाई, संकीर्ण मानसिकता और ओछी राजनीति से बिहार आज कोविड-19 के दहकते मुहाने पर खड़ा है।'
बाहर से आने वालों का होगा कोरोना टेस्ट
उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों से लौटे 25,000 लोगों को गांव भिजवा गया है और उनके गांव के स्कूल में ही उनके रहने की व्यवस्था की गई है। झा ने कहा कि हम बाहर से बिहार आने वाले लोगों का कोराना वायरस टेस्ट करवाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दिशा निर्देश पर राज्य के विभिन्न हिस्सों में सामुदायिक रसोई और आइसोलेशन सेंटर की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि बाहर से बिहार आने वालों को सीमा पर ही रोक कर उनकी जांच करवाई जा रही है। बिहार सीमा पर आपदा सीमा राहत केंद्र की स्थापना की जा रही है, जहां लोगो को क्वारंटाइन में रखा जा रहा है।