शौच के लिए खेत में गई थी युवती, क्वारंटाइन सेंटर से निकल मजदूरों ने किया गैंगरेप

Girl gangraped in Bihar: बिहार में शौचालय के लिए गई एक युवती के साथ प्रवासी मजदूरों ने गैंगरेप किया। आरोपियों ने गांव के चार और युवकों को भी बुलाया।

Bihar Girl gangraped
सांकेतिक फोटो 

नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कारण देश में लॉकडाउन है। ऐसे में देश के अलग-अलग से प्रवासी मजदूरों का अपने घर लौटना जारी है। इस बीच बिहार के रोहतास जिले से एक बेहद शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां के दावथ थाना क्षेत्र के गांव में रात के वक्त शौच के लिए गई एक 18 वर्षीय युवती के साथ दो प्रवासी मजदूरों ने गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया। प्रवासी मजदूरों ने क्वारंटाइन सेंटर से निकलकर युवती को हवस का शिकार बनाया। इतना ही नहीं  मजदूरों ने इस घिनौनी करतूत के लिए गांव के ही चार और युवकों को भी बुला लिया। चारों युवकों ने भी युवती के साथ गैंगरेप किया। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

पुलिस ने प्रवासी मजदूरों को पकड़ा

पीड़िता ने सुरेश यादव (22), विजय यादव (20), चंचल यादव (22), मुकेश यादव (21), चुल्ली पासवान (18) और अमित पासवान (18) के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। पीड़िता ने आरोपियों के खिलाफ गुरुवात को एफआईआर दर्ज करवाई। युवती की शुक्रवार को सासाराम सदर अस्पताल में मेडिकल जांच की गई। घटना को अंजाम देने के बाद के प्रवासी मजदूर सुरेश यादव और चंचल यादव वापस क्वारंटाइन सेंटर में आ गए थे। पुलिस ने अभी तक सुरेश और चंचल को गिरफ्तार किया है जबकि बाकी की तलाश जारी है। पुलिस के अनुसार युवती खेत में शौच करने गई थी। इसी दौरान आरोपियों ने युवती को पकड़ लिया और फिर कुछ दूरी ले जाकर बलात्कार किया। 

दीवार फांदकर बाहर गए थे आरोपी

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, रोहतास के एसपी सत्यवीर सिंह ने कहा कि सुरेश और चंचल क्वारंटाइन सेंटर में थे। इन दोनों ने ही फोन कर गांव के अन्य चार लोगों को बुलाया। उन्होंने कहा, 'घटना बुधवार रात  क्वारंटाइन सेंटर के बाहर घटी। दोनों सेंटर की दीवार फांदकर बाहर गए थे। उन्होंने फोन के जरिए गांव के अपने दोस्तों को बुलाया।' एसपी ने कहा, 'आरोपियों ने वारदात को रात करीब 9.30 बजे अंजाम दिया। पीड़िता अपने घर में शौचालय नहीं होने के कारण खेत में आई थी।' पीड़िता ने अपने परिवार के सदस्यों को घटना के बारे में बताया जिसके बाद आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। प्रवासी मजदूर 14 दिन के लिए क्वारंटाइन सेंटर में रखे गए थे। 

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