पटना : बिहार में बीते कुछ दिनों में कई आपराधिक वारदातें हुई हैं, जिसे लेकर राज्य सरकार व स्थानीय प्रशासन सवालों के घेरे में है। अब मधुबनी की घटना को लेकर एक बार फिर कई सवाल उठ रहे हैं, जहां 29 मार्च को हुई गोलीबारी में 5 लोगों की जान चली गई, जबकि एक अन्य घायल हो गए। पुलिस ने इस मामले में अब तक 8 लोगों को गिरफ्तार किया है और एक मोटरसाइकिल भी बरामद की है।
इस बीच बिहार सरकार में मंत्री बबलू सिंह ने पीड़ितों से मुलाकात की है। इस दौरान वह अपनी ही सरकार के अधिकारियों पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि कुछ अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह समुचित तरीके से नहीं कर रहे हैं, जिसके कारण बदमाशों के हौसले बढ़ रहे हैं और सरकार की बदनामी हो रही है। उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के साथ-साथ वह पीड़ितों को मुआवजा दिलाने की कोशिश भी करेंगे।
मधुबनी के बेनीपट्टी थाना इलाके के मोहम्मदपुर गांव में 29 मार्च को हुई गोलीबारी में चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि दो अन्य बुरी तरह घायल हो गए थे। इनमें से एक शख्स ने बाद में अस्पताल में उपचार के दौरान दम तोड़ दिया, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 5 हो गई, जबकि एक शख्स अब भी जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। इस खूनी संघर्ष के लिए हथियार गांव में कहां से आया, यह सवाल अब भी बना हुआ है।
मधुबनी के एसपी के मुताबिक, 29 मार्च को हुई गोलीबारी की घटना में जिन लोगों की जान गई है, उनमें बीएसएफ का एक सब-इंस्पेक्टर भी शामिल है, जो होली की छुट्टी में घर आया हुआ था। उन्होंने बताया कि आरोपियों में 10-12 लोगों के नाम हैं, जिनमें से 8 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है। वारदात के लिए इस्तेमाल एक मोटरसाइकिल भी जब्त की गई है। मामले की जांच की जा रही है।
वहीं, शिवहर के राजद विधायक चेतन आनंद ने इस घटना को लेकर राज्य सरकार पर वार करते हुए कहा कि यह घटना सूबे में विफल कानून व्यवस्था की पोल खोलती है। उन्होंने गुरुवार को घटनास्थल का दौरा कर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की थी। मोहमदपुर की घटना को सोची-समझी साजिश का नतीजा बताते हुए उन्होंने कहा कि अपराधियों के मन से वर्दी का खौफ खत्म हो गया है।