बुलीबाई ऐप केस का मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है। पूछताछ में उसने चौंकाने वाली जानकारी दी है। डीसीपी आइएफएसओ के पी एस मल्होत्रा बताते हैं कि नीरज विश्नोई ने स्वीकार किया है कि वो आदतन हैकिंग करता है, जब वो 15 साल का था तबसे वो वेबसाइट को डिफेसिंग का काम किया करता था। वो ना सिर्फ भारत के स्कूलों और विश्वविद्यालयों की वेबसाइट को हैक किया करता था बल्कि पाकिस्तान के स्कूल और विश्वविद्यालयों को भी निशाना बनाता था। दिल्ली पुलिस के आइएफएसओ का कहना है कि नीरज ने खुद को दो बार नुकसान पहुंचाने की कोशिश की थी यही नहीं उसने खुदकुशी की धमकी भी दी थी।
'15 साल की उम्र में नीरज बना हैकर'
आईएफएसओ का कहना है कि नीरज का झुकाव गीयू के गेमिंग कैरेक्टर की तरफ था। उसने एक से अधिक ट्विटर हैंडल गीयू शब्द के इस्तेमाल से बनाए थे। शब्द गीयू के साथ उसने अकाउंट बनाए जिसके जरिए उसने सुरक्षा एजेंसियों को पकड़ने की चेतावनी दी थी।आरोपी ने एक अन्य खाता तीन जनवरी, 2022 को बुली बाई ऐप मामले में मुंबई पुलिस द्वारा की गयी गिरफ्तारियों का मजाक उड़ाने के लिए बनाया।पुलिस ने बताया कि इसी तरह का एक हैंडल सुल्ली डील्स ऐप मामले में जांच के दौरान सामने आया।पुलिस उपायुक्त (साइबर) के पी एस मल्होत्रा ने कहा कि मामले में आगे जांच जारी है।
'मशहूर होना चाहता था नीरज'
बुली बाई’ ऐप मामले में अब तक की जांच में पता चला है कि इस मामले के मुख्य कर्ताधर्ता नीरज बिश्नोई की मंशा मशहूर होने और अपनी पहचान बनाने की थी। पुलिस ने कहा कि अब तक की जांच में 21 वर्षीय बिश्नोई को इन गतिविधियों के लिए किसी और के द्वारा प्रभावित किए जाने का पता नहीं चला है। अधिकारियों ने कहा कि इस तरह के पहले आ चुके ‘सुल्ली डील्स’ मामले में बिश्नोई की संलिप्तता हो सकती है और इस मामले की तफ्तीश की जा रही है।
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पुलिस के मुताबक आरोपी छात्र ने पहले ट्विटर पर भी एक अकाउंट बनाया था और एक शिकायतकर्ता की तस्वीर पर अभद्र टिप्पणियां की थीं और उसकी ‘निलामी’ के संबंध में ट्वीट भी किया था। पुलिस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।पुलिस के अनुसार इस तरह का एक खाता तब सामने आया जब ‘सुल्ली डील्स’ मामले में जांच चल रही थी। उसने अपने हैंडल के माध्यम से सुल्ली डील ऐप के संभावित निर्माता के संबंध में कुछ फर्जी जानकारी डालने की कोशिश की थी।
गिटहब प्लेटफॉर्म पर बुली बाई ऐप
दिल्ली पुलिस ने कहा था कि 21 वर्षीय इंजीनियरिंग छात्र बिश्नोई की गिरफ्तारी के साथ उसने गिटहब प्लेटफॉर्म पर बुली बाई ऐप पर ‘निलामी’ के लिए सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें डालने से संबंधित मामले को सुलझा लिया है।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के दौरान पता चला कि बिश्नोई ने पहले ‘गीयू’ नाम के साथ अनेक ट्विटर हैंडल बनाये थे। गीयू वीडियो गेम का एक पात्र है।
पुलिस के अनुसार एक हैंडल दक्षिण पश्चिम दिल्ली में किशनगढ़ थाने में दर्ज एक प्राथमिकी से संबंधित पाया गया।