साइबर पॉर्नोग्राफी,स्टॉकिंग,मॉर्फिंग का महिलाएं हो रही हैं शिकार, 2021 में साइबर अपराध के 10730 मामले

क्राइम
प्रशांत श्रीवास्तव
Updated Sep 19, 2022 | 13:49 IST

Chandigarh University MMS Leak Case: महिलाओं के खिलाफ पिछले 4 साल में साइबर अपराध के मामलों में 77 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। सबसे ज्यादा मामले कर्नाटक और महाराष्ट्र में सामने आए है।

Chandigarh University MMS Leak Case
महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध के मामलों में इजाफा  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • साइबर पॉर्नोग्राफी, होस्टिंग, अश्लील मैटेरियल को पब्लिश करने के सबसे ज्यादा मामले हैं।
  • साइबर स्टॉकिंग,साइबर बुलिंग, साइबर मॉर्फिंग का भी महिलाएं हो रही हैं शिकार
  • साइबर क्राइम की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 1913 मौजूद है।

Chandigarh University MMS Leak Case: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी (Chandigarh University) में छात्राओं के नहाने के वीडियो (MMS) बनाकर, उसs वायरल करने का मामले ने पूरे देश को हिला दिया है। जिस तरह एक छात्रा के ऊपर अपने साथियों का वीडियो बनाकर अपने पुरूष मित्र को भेजने का आरोप है, उससे एक बार फिर तकनीकी के दौर में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मोबाइल या कैमरे से इस तरह इंटरनेट पर अश्लील वीडियो या कंटेट पब्लिश करना या रिकॉर्ड करना साइबर क्राइम (Cyber Crime) के तहत आता है। महिलाओं के खिलाफ साइबर क्राइम के मामले बेहत तेजी से बढ़ रहे हैं।  केवल साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ साइबर क्राइम के 10 हजार से ज्यादा मामले पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज हुए हैं। परेशान करने वाली बात यह है कि पिछले चार साल में ऐसे मामलों की संख्या में 77 फीसदी का इजाफा हुआ है।

ऑनलाइन इस तरह से महिलाएं हो रही हैं शिकार

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो 2021 के आंकड़ों के अनुसार साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ साइबर क्राइम के 10730 मामले दर्ज हुए हैं। इसमें साइबर पॉर्नोग्राफी, होस्टिंग, अश्लील मैटेरियल को पब्लिश करने के सबसे ज्यादा मामले हैं। इसके तहत कुल 1896 मामले सामने आए हैं। इसी तरह साइबर स्टॉकिंग (Cyber Stalking), साइबर बुलिंग (Cyber Bulling), साइबर मॉर्फिंग, बदनामी करने के 1150 मामले दर्ज हुए हैं। इसी तरह महिलाएं ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग, और फेक प्रोफाइल के जरिए भी शिकार हो रही है। अपराध के इन प्रमुख तरीके के अलावा साल 2021 में करीब 6000 केस अन्य साइबर क्राइम के तहत दर्ज हुए हैं।

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कर्नाटक-महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले

महिलाओं के खिलाफ साइबर क्राइम को देखा जाय तो सबसे ज्यादा मामले कर्नाटक और महाराष्ट्र में सामने आए है। करीब 39 फीसदी केस इन्हीं दो राज्यों में दर्ज किए गए हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश, तेलंगाना और असम में मामले सामने आए हैं।

राज्य 2021 में साइबर क्राइम के मामले
कर्नाटक 2243
महाराष्ट्र 1697
उत्तर प्रदेश 958
तेलंगाना 883
असम 856

स्रोत: NCRB

महिलाएं ऑनलाइन दर्ज कर सकती हैं शिकायत

देश में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ साइबर क्राइम पर लगाम कसने के लिए गृह मंत्रालय ने एक वेब पोर्टल भी लांच किया हुआ है। जहां पर साइबर क्राइम से संबंधित ऑनलाइन शिकायत दर्ज की जा सकती है। शिकायत के आधार पर संबंधित एजेंसी कार्रवाई करती हैं। इसके अलावा गृह मंत्रालय ने हेल्प लाइन नंबर भी जारी किया है। जहां पर फोन के जरिए शिकायत दर्ज कराई जा सकती है..

1.साइबर क्राइम की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर- 1913
2. नेशनल वुमेन हेल्पलाइन नंबर-181 

क्या है कानून

इंटरनेट  और सोशल मीडिया  के दौर में साइबर अपराध पर लगाम लागने  के लिए सूचना प्रौद्योगिकी नियम-2021, सिनिमेटोग्रॉफ एक्ट-1952 और इंडीसेंट रिप्रजेंटेशन ऑफ वुमेन (प्रोहिबिशन एक्ट), 1986 कानून मौजूद हैं। जिसके आधार पर कार्रवाई की जाती है। इसके पहले 2012 में केंद्र सरकार द्वारा, साइबर अपराध के मामलों क  देखते हुए, डीसेंट रिप्रजेंटेशन ऑफ वूमेन (प्रोहिबिशन एक्ट), 1986 में  संशोधन का प्रस्ताव लाया गया था। लेकिन यह अधिनियम बाद में संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया गया और फिर 2021 में सरकार ने वापस ले लिया। सरकार का तर्क था कि सूचना प्रौद्यिगिकी नियम-2021 और दूसरे कानून में साइबर अपराध के लिए प्रावधान किए जा चुके हैं। इसके अलावा  राष्ट्रीय महिला आयोग की तहत एक केंद्रीय अथॉरिटी का गठन किया जा चुका है। ऐसे में इसकी जरूरत नहीं रह गई है।
 

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