चेन्नई : तमिलनाडु में इंटरनेशनल स्कूल चलाने वाले स्वयंभू आध्यात्मिक गुरु शिव शंकर बाबा पर स्कूल के पुराने स्टूडेंट्स ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। बाबा के खिलाफ लगे इन आरोपों ने हर किसी को हैरान कर दिया है। खासकर अभिभावक इन आरोपों से सकते में हैं, जो बड़े भरोसे के साथ अपने बच्चों को बाबा के स्कूल में भेजते रहे हैं। उनके खिलाफ अब POSCO Act के तहत केस दर्ज किया गया है।
चेन्नई के निकट पुथुपक्कम स्थित सुशील हरि इंटरनेशनल आवासीय स्कूल के कई पूर्व स्टूडेंट्स ने सोशल मीडिया के जरिये बाबा के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है, जिसके बाद तमिलनाडु बाल कल्याण समिति ने उनके खिलाफ जांच के आदेश दिए थे। मामले में संज्ञान लेते हुए तमिलनाडु बाल संरक्षण आयोग ने बाबा को सम्मन भी भेजा था और उनसे मामले में पेश होने के लिए कहा था।
सुशील हरि इंटरनेशनल आवासीय स्कूल के संस्थापक शिव शंकर बाबा ने हालांकि यह कहते हुए आयोग के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया गया कि उन्हें हार्ट अटैक हुआ है और वह एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं। स्कूल प्रशासन की ओर से कहा गया है कि बाबा एक सप्ताह के लिए धार्मिक यात्रा पर देहरादून गए थे, जहां 8 जून को उन्हें हार्ट अटैक आया। वह देहरादून के एक निजी अस्पताल में भर्ती हैं।
बाबा के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद उनके खिलाफ पॉस्को अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है और उनके खिलाफ जांच के आदेश CID क्राइम ब्रांच को दिए गए हैं। स्कूल के पूर्व स्टूडेंट्स ने बाबा के खिलाफ जो आरोप लगाए हैं, उनमें छेड़छाड़ से लेकर कम उम्र के छात्रों को अल्कोहल जैसा नशीला पदार्थ दिए जाने और उन्हें पॉर्न फिल्में दिखाने का आरोप भी शामिल है।
स्कूल की एक पूर्व छात्रा ने बाबा के खिलाफ अपनी शिकायत में कहा है कि जब वह नौवीं क्लास में थी, उसने अपनी कुछ दोस्तों और अन्य स्टूडेंट्स को रात के समय दूसरे कमरों में जाते देखा था। बाद में एक दोस्त ने उससे यौन उत्पीड़न की बात कही थी, लेकिन तब उसे इस बारे में यकीन नहीं हुआ था। हालांकि कुछ महीने बाद ही उसे भी एक रूम में बुलाया गया, जहां शिव शंकर बाबा ने उससे अपने कपड़े उतारने के लिए कहे।
पूर्व छात्रा के मुताबिक, जब उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया तो बाबा नाराज हो गए और उसे कमरे से बाहर निकल जाने को कहा। उसने अपने आरोप में यह भी कहा है कि यह सब तब भी जारी रहा, जब वह अगली कक्षा में चली गई। पूर्व छात्रा ने यह दावा भी किया कि बहुत से अभिभावकों को इस बारे में जानकारी है।