Sukesh Chandrashekhar: सुकेश चंद्रशेखर...नाम एक कारनामे अनेक। लूटने पर आया तो किसी से भी भेदभाव नहीं किया। सभी को लूटा। कभी जज बना तो कभी अधिकारी तो कभी व्यापारी। नेता से लेकर बिजनसमैन तक को ठग डाला। हिम्मत इतनी कि तिहाड़ जेल को ही अय्याशी का अड्डा बना दिया और अय्याशी ऐसी कि बॉलीवुड की हिरोइनें तक जेल में मिलने आती थीं।
ठगी की शुरूआत
बेंगलुरु में एक निम्न मध्यमवर्गीय परिवार में जन्मे, सुकेश ने 12 वीं के बाद स्कूल छोड़ दिया था। बेंगलुरु के भवानी नगर के रहने वाले सुकेश ने पहले रियल एस्टेट सेक्टर में काम करना शुरू किया। 17 साल की उम्र से सुकेश ने फोन पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारी बनकर लोगों को ठगना शुरू कर दिया था। 2007 में, जब वह 18 साल का भी नहीं हुआ था, उसने एक बहुत बड़ा अधिकारी बनकर बेंगलुरु विकास प्राधिकरण के नाम पर 100 से ज्यादा लोगों को ठग डाला।
पहली गिरफ्तारी
2007 में ठगी के मामले में सुकेश को पहली बार बेंगलुरु की बन्नेरघट्टा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। यहां से छुटने के बाद उसने गैंग बनाया और ठगी करने लगा। इस दौरान उसे कई बार गिरफ्तार किया गया, लेकिन उसने ठगना नहीं छोड़ा। जमानत पर बाहर निकलता, लोगों को शिकार बनाता, फिर गिरफ्तार होता, फिर जमानत पर निकलता और ठगी करता।
पूरे देश को बनाया निशाना
बेंगलुरु से निकलने के बाद चेन्नई पहुंचा। यहां भी उसने लोगों को ठगना शुरू कर दिया। इसी दौरान उसने अपनी प्रेमिका लीना से शादी कर ली। अब लीना भी उसका साथ देने लगी थी। लीना एक बॉलीवुड अभिनेत्री थी।
कभी बना अफसर तो कभी नेता का रिश्तेदार
सुकेश ने शुरूआत अफसर बनकर ठगी करने से की, इसके बाद वो रूप बदलते गया। जब जैकलीन फर्नांडिस को फंसाना हुआ तो वो गृहमंत्री अमित शाह का अफसर बनकर कॉल किया। जब जैकलीन ने इग्नोर किया तो उसके स्टाफ को कॉल करके बात करने के लिए कहा और जब एक बार बात हो गई तो अरबी घोड़े, घर, गाड़ी, प्राइवेट जेट, महंगे गिफ्टों से जैकलीन को फंसा लिया। वहीं जब नोरा फतेही को फंसाना हुआ तो वो बिजनेस मैन बन गया।
सुकेश कभी जयललिता का दामाद बन जाता तो कभी कानून मंत्री का पीए, जब जमानत लेने की बारी आती को सुप्रीम कोर्ट का जज बनकर जूनियर जजों को धमका भी देता था।
सबसे बड़ी ठगी
सुकेश जब तिहाड़ जेल पहुंचा तो उसने यहां सबसे बड़ी ठगी की। उसे जैसे ही पता चला कि रैनबैक्सी के पूर्व चेयरमैन शिवेंद्र सिंह भी तिहाड़ जेल में बंद हैं तो उसने उनकी पत्नी से संपर्क साधा। उसने यहां कभी पीएमओ तो कभी गृह मंत्रालय में तैनात अफसर बताया। उसने शिवेंद्र सिंह की पत्नी को भरोसा दिलाया कि वो अगर उसे पैसे दे देती है तो उसके पति को वो जेल से बाहर निकलवा देगा। यह ठगी नौ महीने तक चली और इस दौरान उसने 200 करोड़ रुपये की वसूली कर ली।
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