प्रयागराज: परिवार के सात लोगों की हत्या कर फांसी की सजा पाने वाली उत्तर प्रदेश के अमरोहा की शबन इन दिनों रामपुर की जेल में बंद है। वहीं इस हत्याकांड में साझीदार रहा उसका प्रेमी सलीम भी फांसी की तारीख नजदीक आते ऊपर वाले से माफी की गुहार लगा रहा है। सलीम इस समय जेल के तन्हाई बैरक में है। सलीम जेल में इन दिनों पढ़ने- लिखने के अलावा शायरी भी कर रहा है। निचले कोर्ट से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक, हर जगह से शबनम तथा सलीम की फांसी की सजा को बरकरार रखा गया है। दोनों ही अपने वकीलों के जरिए फांसी से बचने के तरह-तरह के पैंतरे अपना रही है।
ब्रेफिक्र है सलीम
फांसी की सजा मिलने के बाद भी जेल में सलीम बेफिक्र है। अमर उजाला की खबर के मुताबिक, फांसी की सजा मिलने के बाद भी सलीम पर किसी तरह का डर नहीं, उसका कहना है, 'साहब! काहे परेशान हो रहे हो, इतनी जल्दी मुझे न लगेगी फांसी वासी, यहां ऐसे थोड़े फांसी लग जाती है। इतने विकल्प खुले हैं कि हमको फांसी लगते-लगते अभी वर्षों लग जाएंगे।' शबनम के कहने पर ही सलीम ने उसके माता-पिता, दो भाई, एक भाभी, रिश्ते की बहन को कुल्हाड़ी से काट डाला था।
वर्षों लग जाएंगे
खबर के मुताबिक, जब सलीम को दया याचिका पर साइन करने के लिए नैनी जेल में हाई सिक्योरिटी सेल से कार्यालय में लाया गया तो अधिकारी ने उससे कहा कि फांसी तो होकर रहेगी। इसका जवाब देते हुए सलीम बोला, यहां बचने के इतने विकल्प है कि फांसी होने में वर्षों लग जाएंगे। परेशान मत होइए साहब, हमें इतनी जल्दी कुछ नहीं होने वाला है। खबर की मानें तो सलीम को ना पहले और ना ही आज कोई पश्चताप है। जेल में वह शबनम को याद करने के अलावा पांच वक्त की नमाज भी अदा करता है।
शबनम की तस्वीर सीने से लगाकर रखता है
सलीम एक अच्छा ट्रेंड बढ़ई का कारीगर भी है और जेल में ही उसने यह प्रशिक्षण लिया था। नैनी जेल में लकड़ी का काम बड़े स्तर पर होता है और सलीम ने कई शानदार फर्नीचर बनाए हैं। कम पढ़ा-लिखा होने के बावजूद सलीम इन दिनों जेल में कविताएं और शायरी भी लिखता है तथा अपनी माशूका शबनम के लिए उसने कई शेर लिखे हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो सलीम अखबार और मैगजीन में छपी शबनम की खबर की तस्वीर को सीने से लगाकर रखता है।