नई दिल्ली : साइबर क्राइम यूनिट की टीम ने राजधानी दिल्ली से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जो कौन बनेगा करोड़पति (KBC) के नाम पर लोगों सो लाखों की ठगी कर रहा था। ये तीनों मिलकर देशभर से लोगों को लूट रहे थे। ये तीनों आरोपी पाकिस्तान के कुछ लोगों के साथ जुड़े हुए थे और उनके इशारों पर काम कर रहे थे। ये लोगों से केबीसी के नाम पर 25 लाख की लॉटरी के झांसे में फंसा कर उनसे उनकी जीवन भर की कमाई लूट लेते थे।
तीनों आरोपियों की पहचान अम्तियाज अली जो बिहार के सीवान का रहने वाला है जबकि दो अन्य इरफान अली और संतोष कुमार बिहार के गोपालगंज के रहने वाले हैं। पुलिस के मुताबिक उन्हें नजफगढ़ के एक महिला ने साइबर सेल में शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में बताया था कि उसे पाकिस्तानी नंबर से व्हाट्सअप कॉल आई जिसमें उसे कहा गया कि उसका मोबाइल नंबर केबीसी लॉटरी में चुना गया है जिसके लिए उसे 25 लाख रुपए मिलेंगे।
इस तरह महिला को लगाया चूना
इसके बाद उसने उसे एक दूसरा पाकिस्तानी नंबर देकर उसपर फोन करने के लिए कहा और राणा प्रताप सिंह नाम के शख्स से बात करने के लिए कहा जो उसे सारी जानकारी देगा। इसके बाद महिला इसके झांसे में आ गई और फिर ठगों ने उससे जीएसटी, दूसरे चार्जेज, प्रोसेसिंग फीस, कमीशन के नाम पर लाखों रुपए उससे निकलवा लिए। उन्होंने इंडियन बैंक के कुछ अकाउंट में उससे लाखों रुपए डलवा लिए।
मंसूबे पूरे होने पर सारे कॉन्टैक्ट डिलीट करवाया
बाद में उन्होंने उससे कहा कि लॉटरी का अमाउंट बढ़कर 45 लाख हो गया है फिर कहा कि 75 लाख हो गया है। और फिर ऐसा कहकर उसे अन्य जीएसटी और दूसरे चार्जेज के पैसे जमा करने को कहा। इसमें पिछले साल जुलाई से अक्टूबर महीने के बीच ठगों ने उससे 40-45 लाख रुपए खींच लिए। चालाक आरोपियों ने महिला को सारे कागजात नष्ट, व्हाट्सएप कॉल और चैट डिलीट करने को भी कहा।
तीन आरोपी बिहार के
इसके बाद महिला ये जानने के लिए कि उसके पैसे कहां ट्रांसफर किए गए हैं उन्हें काफी कॉल लगाया लेकिन उनसे कॉन्टैक्ट कर पाना मुश्किल हो गया। जब महिला ने इसकी शिकायत साइबर क्राइम में दर्ज कराई तो जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए। जांच के दौरान कई सारे बैंत अकाउंट की इसमें इन्वॉल्वमेंट सामने आई। गहराई से जांच करने पर पता चला कि इसके तार बिहार के गोपालगंज से जुड़े हैं। 5 मार्च को टीम ने गोपालगंज जिले से तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
इस्लामाबाद से जुड़े हैं तार
आरोपियों ने एक साल पहले 7 मार्च को ये गोरखधंधा शुरू किया था। ये पैसे कमाने के सिलसिले में बिहार से दिल्ली आए थे और यहां आकर उन्हें इस धंधे का पता चला। उसके कुछ अन्य दोस्त भी इससे जुड़े थे फिर ये भी इसमें शामिल हो गए। ये इस्लामाबाद के रॉफ नाम के शख्स से इमो एप के जरिए जुड़े थे। इनके झांसे में फंसे एक व्यक्ति ने इसी सील 17 जनवरी को सुसाइड कर लिया था। आरोपियों ने इससे केबीसी की लॉटरी के नाम पर 70 लाख रुपए लूट लिए थे।