Ayodhya: फांसी के फंदे से झूलती मिलीं बैंक अधिकारी, 'सुसाइड नोट' में दो पुलिसकर्मियों का जिक्र

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Updated Oct 31, 2021 | 08:46 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

अयोध्या में एक बैंक में कार्यरत बैक की डिप्टी ब्रांच मैनेजर किराए के मकान में फांसी के फंदे पर झूलती मिली। घटनास्थल से पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें दो पुलिसकर्मियों का जिक्र है।

Deputy Bank Branch Manager Found Dead, Names 2 Policemen in Her 'Suicide Note'
Ayodhya: बैंक अधिकारी ने लगाई फांसी, 'सुसाइड नोट' बरामद (प्रतीकात्मक तस्वीर) 
मुख्य बातें
  • अयोध्या में 32 साल की बैंक अधिकारी का शव फांसी के फंदे पर झूलता मिला
  • ‘सुसाइड नोट’ में पुलिसकर्मी सहित एक IPS अफसर का नाम शामिल
  • किराए के मकान में अकेले रहती हैं थी महिला अधिकारी

अयोध्या: फैजाबाद में पंजाब नेशनल बैंक की सहानगंज शाखा की उप प्रबंधक शनिवार को अपने किराए के मकान में फंदे से लटकी पायी गईं। घटनास्थल से कथित तौर पर एक सुसाइड नोट मिला है,जिसमें दो पुलिसकर्मियों को इससे लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शैलेश पांडे ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। पुलिस के अनुसार श्रद्धा गुप्ता (32) ने 2015 में क्लर्क के तौर पर बैंक में नौकरी शुरू की थी, इसके बाद उन्होंने विभागीय परीक्षा पास की और उनकी पदोन्नति हुई। वह 2018 से फैजाबाद में पदस्थ थीं।

सुसाइड नोट भी बरामद

उन्होंने बताया कि गुप्ता अविवाहित थीं और लखनऊ के राजाजीपुरम इलाके से थीं और अपने परिवार से मिलने वहां जाती थीं। पुलिस ने बताया कि आज सुबह जब दूधवाला आया और उसने दरवाजा खटखटाया,अंदर से कोई जवाब नहीं पा कर उसने मकान मालिक को इसकी जानकारी दी। दरवाजा नहीं खुलने पर उन्होंने झांक कर अंदर देखा तो उसे फंदे से लटका पाया। पुलिस ने बताया कि उन्हें एक नोट भी मिला है,जो कथित तौर पर उसका सुसाइड नोट है,जिसमें उसने एक पुलिस अधिकारी ,एक कांस्टेबल और एक अन्य व्यक्ति को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।

अखिलेश यादव ने की जांच की मांग

अभी यह पता नहीं चल सका है कि उसने अरोप क्या लगाए हैं। इसबीच समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।उन्होंने ट्वीट किया,‘जिस प्रकार से अयोध्या में महिला पीएनबी कर्मचारी ने अपने सुसाइड नोट में पुलिसकर्मियों पर सीधे आरोप लगाए हैं, वह उत्तर प्रदेश में खराब कानून व्यवस्था की कड़वी सच्चाई है। यह बेहद गंभीर मुद्दा है कि इसमें एक आईपीएस अधिकारी का नाम भी सामने आ रहा है। इसकी उच्च स्तरीय न्यायिक जांच होनी चाहिए।’

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