नई दिल्ली: इस महीने की शुरुआत में गिरफ्तार किए गए भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी मुकेश चोपड़ा ने कथित तौर पर तिहाड़ जेल के अंदर आत्महत्या कर ली है। तिहाड़ जेल से एक अधिकारी ने कहा, 'यह आत्महत्या का मामला है। सभी नए कैदियों को 7 नवंबर को काउंसलिंग के लिए जेल की डिस्पेंसरी में बुलाया गया था, जो एक नियमित मामला था। वह ऊपर गए और वहां से कूद गए। हालांकि किसी ने भी इस घटना को नहीं देखा, सभी कैदी जेल अधिकारी के साथ थे और तब उन्होंने महसूस किया कि उनमें से एक गायब था।' हालांकि परिवार ने दावा किया है कि उनकी हत्या की गई है।
पुलिस अधिकारी ने कहा, 'इसके तुरंत बाद उनका शरीर जमीन पर पाया गया। उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। यह करीब 10-10.30 बजे हुआ। उसी दिन शाम 7 बजे के आसपास उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था। मजिस्ट्रियल जांच चल रही है।'
परिवार का दावा है कि कर्नल मुकेश चोपड़ा ऐसी बीमारी से पीड़िता से जिसमें आदमी उन चीजों को उठाता है, जो उसकी नहीं हैं। उनका एकमात्र दोष यह था कि उनहोंने रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए बिना आर्मी लाइब्रेरी से किताबें ली थीं और लाइब्रेरियन ने जासूसी का अलार्म बजा दिया।
दिल्ली पुलिस ने मुकेश चोपड़ा को दो नवंबर को चोरी के एक कथित मामले में गिरफ्तार किया था। मुकेश चोपड़ा पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 380 और 411 के तहत आरोप लगाए गए थे।
चोपड़ा को 1 नवंबर को दिल्ली छावनी के मानेकशॉ सेंटर में सेना के जवानों ने हिरासत लिया। शुरुआत में संदेह था कि चोपड़ा जासूसी कर रहे थे, लेकिन बाद में उन्हें लाइब्रेरी से किताबें चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
दिल्ली पुलिस ने उनसे तीन दिनों तक पूछताछ की। छह नवंबर को उन्हें तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। सात नवंबर को उन्हें डीडीयू अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां शाम को उनकी मौत हो गई। तिहाड़ जेल के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इमारत से कूदकर आत्महत्या कर ली, जबकि परिवार के लोगों का कहना है कि उनकी हत्या की गई।
1983 में चोरी के आरोप में भारतीय सेना से उन्हें बर्खास्त किया गया। उस समय वह मणिपुर में तैनात थे और उन पर कैमरा चुराने का आरोप था। चोपड़ा अपने परिवार के साथ कनाडा चले गए और वहीं बस गए। उनके बच्चे अमेरिका में बसे हैं। चोपड़ा परिवार में जन्मदिन मनाने के लिए 31 अक्टूबर को भारत आए थे। भारत पहुंचने से पहले वह चीन में चार दिनों तक रहे। वह एक सरकारी गेस्ट हाउस में रुके थे।