फेक करेंसी सप्लाई करने वाले 2 आरोपी गिरफ्तार, दिल्ली पुलिस ने 8 लाख रुपए भी बरामद किए

क्राइम
मोहित ओम
मोहित ओम | Senior correspondent
Updated Dec 23, 2021 | 17:15 IST

भारत में फेक करेंसी सप्लाई करने वाले 2 आरोपियों को दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने गिरफ्तार किया है। ये भारत में बांग्लादेश बॉर्डर के रास्ते आए थे। इनके पास से 8 लाख रुपए बरामद हुए हैं।

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2 आरोपी गिरफ्तार 

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने भारत में फेक करेंसी सप्लाई करने वाले 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो भारत में बांग्लादेश बॉर्डर के रास्ते आए थे। इनके पास से फाइन क्वालिटी के 8 लाख रुपए बरामद हुए है। इन आरोपियों की पहचान मुफ्फजूल शेख और फिरोज शेख के रूप में हुई है जो पिछले 2 सालों में करीब 2 करोड़ रुपए की जाली करेंसी भारत के अलग-अलग हिस्सों में सप्लाई कर चुके है। पुलिस को इनके पास से 8 लाख रुपए की कीमत के 2-2 हजार रुपए के 400 नोट बरामद हुए है।

दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल डीसीपी जसमीत सिंह के मुताबिक इन नोटों को बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के डिस्ट्रिक्ट मालदा पहुंचाया गया था और वहां से ये सप्लायर इन्हें दिल्ली ठिकाने लगाने के लिए लाए थे। पुलिस को शक है ये फेक करेंसी पाकिस्तान से हवाई रुट गल्फ होते हुए बांग्लादेश और नेपाल के रास्ते भारत मे आ रहे हैं। डीसीपी का कहना है पिछले अक्टूबर में हमें जानकारी मिली थी कि वेस्ट बंगाल और बांग्लादेश के बॉर्डर इलाके पर फेक करेंसी के कुछ इंटरनेशनल सप्लायर एक्टिव हुए हैं जिसके बाद हम इस इनपुट पर एक्टिव हुए थे और जबसे इन पर निगाह रख रहे थे। 

मुफ्फजूल शेख और फिरोज शेख दोनो वेस्ट बंगाल के रहने वाले हैं। दोनो दिल्ली, बिहार, बंगाल और देश के अलग-अलग हिस्सों में पहले भी फेक करेंसी की सप्लाई कर चुके हैं और इन दोनों की गिरफ्तारी दिल्ली के कालका जी इलाके से उस वक्त हुई जब ये 8 लाख रुपए की फेक करेंसी को दिल्ली में सप्लाई करने के लिए आए थे। पुलिस को इन आरोपियों से पछताछ में पता चला कि ये 8 लाख के जाली नोट मुर्शिदाबाद के रहने वाले सलाम नाम के शख्स ने दिए थे और इन जाली नोटों को दिल्ली में सप्लाई करना था। साथ ही दोनों ने बताया कि पिछले 5 साल से देश के अलग-अलग इलाकों में ये लोग जाली नोटों की सप्लाई कर रहे है। ये आरोपी 1 लाख रुपए के नोट को 30 हजार रुपए में खरीदते थे और उनको मार्किट में 40-45 हजार रुपए में बेचते थे।

दिल्ली पुलिस के मुताबिक पिछले चार सालों में फेंक करेंसी के सिंडिकेट फिर से एक्टिव हो गए हैं जो पाकिस्तान और बांग्लादेश से अपना रैकेट चलाते है। हालांकि 2016 नोटबंदी के 1 साल तक ये सभी सिंडिकेट पूरी तरह निष्क्रिय हो गए थे। स्पेशल सेल का कहना है कि ये नोट इतनी फाइन क्वालिटी के हैं कि इनमें असली और नकली की पहचान करना बेहद मुश्किल है। अब भारत मे फैले इनके जाल पर पुलिस जांच कर रही है जिनमें कुछ लोगो की पहचान की गई है, जिनकी गिराफ्तारी जल्द की जाएगी।
 

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