Fake Call Center: STF की टीम ने नोएडा के सेक्टर-59 में चल रहे एक फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा किया।वीओआईपी कॉलिंग का सर्वर लगाकर विदेशी नागरिकों के लैपटॉप, कंप्यूटर पर वायरस डाला जाता था। इसके बाद टेक्निकल सपोर्ट के नाम पर उनसे संपर्क कर उनके कंप्यूटर व लैपटॉप को रिमोट पर ले लिया जाता था। रिमोट पर लने के बाद विदेशी नागरिकों के ऑनलाइन अकाउंट से रकम ट्रांसफर कर लेते थे। थाना 58 क्षेत्र में STF ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
दरअसल एसटीएफ, उत्तर प्रदेश को विगत काफी समय से VOIP Calling का फिजिकल/क्लाउड सर्वर लगाकर, डायलर/DID के माध्यम से विदेशों (अमेरिका, कानाडा, शिकागो, कैलीफोर्निया, लेबनन, हांगकांग, ब्रिटेन आदि) में ठगी की जा रही थी। TFN/IBR Call/Email Blasting/Popup व टिकर आदि के माध्यम से Cubedialer का प्रयोग कर रिफंड व टेक सपोर्ट के नाम पर कम्प्युटर/लैपटाप को रिमोट पर लेकर दर्जनों कम्पनियों की आड में अरबों रूपये की ठगी करने वाले संगठित गिरोह के सक्रिय होने की सचूनाएं प्राप्त हो रही थी। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की कई टीमें लगातार काम कर रही थी। जिसके बाद ने इस बाबत जानकारियां इकठ्ठा करनी शुरू की और तकनीक का इस्तेमाल कर एसटीएफ नोएडा की संयुक्त टीम द्वारा बी 36 सेक्टर 59 नोएडा पर दबिश देकर एक फर्जी इंटरनेशनल काल सेंटर (लगभग 50 कालरों का) का भांडाफोड कर एक संगठित गिरोह के मास्टरमाइंड सहित 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ मे गिरोह के मास्टरमाइंड करन मोहन और विनोद सिंह ने बताया कि हमारे अलावा, धु्रव नारगं, मयंक गोगिया, अक्षय मलिक, धीरज कटारिया, शेर सिंह, अविनाश, सावन, विपिन झा, मोहित वंशल, गौरव मलिक, तुषार व तोहीन का एक संगठित गिरोह है। आरोपियों ने बताया कि वो फर्जी व कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से Vmak Research And Services Private Limited, Vmak Electricals Private Limited, DMV Marketing & Research Llp, DMV Marketing & Research LLP, VMAK ELECTRICALS PRIVATE LIMITED, MAX VALUE PLUS CAPITAL PRIVATE LIMITED, AMPG TECHNOLOGY PRIVATE LIMITED नाम की कई कम्पनियां की आड में फर्जी काल सेन्टर चलाते हैं। इस कालसेंटर के माध्यम से वो विदेशों में बैठे लोगों से ठगी करते है।
फिलहाल गिरोह के अन्य सदस्यों की गतिविधियों व उनके द्वारा की गयी धोखधडी के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे हैं। बरामद इलेक्ट्रानिक उपकारणों की फारेंसिक परीक्षण कराया जायेगा। अबतक प्राप्त बैंक स्टेटमेंट के विश्लेषण के अनुसार इस गिरोह द्वारा लगभग 170 करोड रूपये की ठगी की जा चुकी है। गिरोह के अन्य बैंक खातों के सम्बन्ध मे जानकारी प्राप्त कर बैंक खातों को फ्रीज कराने व बैंकरों के विरूद्व विधिक कार्यवाही की जायेगी। कम्पनियों के ट्रांजक्शन के सम्बन्ध मे साक्ष्य संकलन किया जा रहा है।