हैदराबाद रेप केस: बुरे काम का बुरा नतीजा, कथानक भले ही फिल्मी हो

क्राइम
ललित राय
Updated Dec 06, 2019 | 08:49 IST

तेलंगाना के कामपिशाचों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है। पुलिसिया तौर तरीका भले ही फिल्मी हो लोगों का मानना है कि हैवानियत के मामलों में इसी तरह की सजा मिलनी चाहिए।

हैदराबाद रेप केस:  बुरे काम का बुरा नतीजा , कथानक भले ही फिल्मी हो
तेलंगाना पुलिस ने रेप के आरोपियों को मुठभेड़ में मार गिराया 
मुख्य बातें
  • तेलंगाना पुलिस ने तड़के चारों आरोपियों को मुठभेड़ में मार गिराया
  • मोहम्मद आरिफ, नवीन, शिवा औक चीनाकेशवुलु में ढेर
  • शादनगर के चत्तनपल्ली में सीन रिक्रिएशन के दौरान हुई मुठभेड़

नई दिल्ली। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद से सटे रंगारेड्डी जिले की एक घटना ने सभी देशवासियों के दिलों को झकझोर दिया था। कुछ हैवानों मे एक महिला पशु चिकित्सक को मदद का झांसा देकर न केवल गैंगरेप किया बल्कि जला भी दिया। इस घटना के बाद सड़क से लेकर संसद तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गूंज उठी। राज्यसभा में सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि इस तरह के लोगों को तो जनता के हवाले कर देना चाहिए, कब तक हम लोग इस तरह की खबरें सुनते और देखते रहेंगे।

वो एक शाम थी जब हैवानों ने हैवानियत का नंगा खेल खेला और 6 दिसबंर की ये एक सुबह है जब तेलंगाना पुलिस सीन को रिक्रिएट करने के लिए उस जगह ले जाती है जहां महिला पशु चिकित्सक के साथ गैंगरेप कर जलाकर मार दिया जाता है। पुलिस के मुताबित चारों आरोपी भागने की कोशिश करते हैं और पुलिस कार्रवाई में चारों मारे जाते हैं। इस कार्रवाई के बाद पीड़ित परिवार राहत की सांस ले रहा होगा कि बेटी तो अब उनके साथ नहीं है जिसे वो लाल जोड़े में विदा करना चाहते थे। लेकिन कहीं न कहीं उसकी आत्मा को शांति मिलेगी कि उसके गुनहगारों को उनके किए की सजा मिल चुकी है।

अगर कानून की नजरों से देखें तो इस तेलंगाना पुलिस के एनकाउंटर पर ढेरों सवाल उठ सकते हैं। कुछ संगठन सवाल भी उठा सकते हैं। लेकिन सवाल ये है कि जब इस तरह के विकृत मानसिकता के लोग किसी महिला को दिन के उजाले में उसके दामन को दागदार कर देते हैं तो क्या वो जाएज है। हाल ही में तेलंगाना की इस घटना के बाद सभी राजनीतिक दलों की महिला सांसदों ने कहा भी था कि अब बहुत हुआ, सरकार को आगे आना होगा उससे भी बड़ी बात ये है कि समाज को आगे आना होगा। 

तेलंगाना पुलिस के मुठभेड़ पर हमने दिल्ली, गोरखपुर, वाराणसी और लखनऊ के लोगों के दिल और दिमाग में क्या चल रहा है जानने की कोशिश की। इन सभी जगहों के लोगों का कहना है कि मुठभेड़ की कहानी भले ही फिल्मी लगे। लेकिन समाज में उन दरिंदों को संदेश जाएगा कि जो हर वक्त किसी न किसी लड़की को शिकार बनाने की फिराक में रहते हैं। 

लखनऊ की रहने वाली संजना कहती हैं कि ये समझ के बाहर बलात्कार के आरोपियों को इतने दिन तक कानूनी कार्रवाई का सामना क्यों कराया जाता है। अब तो साइंटिफिक तरीके से साबित किया जा सकता है कि आरोपी बेदाग है या गुनहगार। संजना की बात से इत्तेफाक रखते हुए वाराणसी के पुनीत का कहना है कि दरअसल पुरुष मानसिकता आम तौर पर ये होती है कि वो महिलाओं को उपभोग की वस्तु के तौर पर देखता है और इसकी वजह से इस तरह की घटनाएं होती हैं। 

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