Hyderabad: साइबराबाद स्पेशल ऑपरेशन टीम ने शुक्रवार को एक फर्जी सर्टिफिकेट रैकेट का भंडाफोड़ कर 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। ये गिरोह अलग-अलग विश्वविद्यालयों के नाम पर पोस्ट ग्रेजुएशन (पीजी), ग्रेजुएशन, बीटेक, 12वीं और 10वीं कक्षा के प्रमाण पत्र दे रहा था। मुख्य आरोपी की पहचान कोटा किशोर के रूप में हुई है।
हैदराबाद पुलिस ने फर्जी शिक्षा प्रमाणपत्र रैकेट का किया भंडाफोड़
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक किशोर विजयवाड़ा के एक प्राइवेट स्कूल में टीचर है। पुलिस के मुताबिक नौकरी के इच्छुक ने प्रमाण पत्र को फर्जी पाया और मामले को पुलिस के संज्ञान में लाया। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की और सरगना की पहचान कोटा किशोर के रूप में की।
साइबराबाद के पुलिस आयुक्त स्टीफन रवींद्र ने कहा कि छात्रावास वार्डन कृष्ण कांत रेड्डी को कोटा किशोर के साथ फर्जी प्रमाण पत्र रैकेट के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। वह पहले कुकटपल्ली सीमा में एक हॉस्टल चलाता था, जहां वहां रहने वालों में से एक ने 12वीं योग्यता पर नौकरी खोजने में मदद के लिए उससे संपर्क किया। कृष्णा ने सरप्राइज देते हुए उसे 90,000 रुपए में बीकॉम का प्रमाण पत्र दिया। प्रमाण पत्र चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ के नाम पर था।
गिरोह ने बनाए थे 13 राज्यों के 18 विश्वविद्यालयों और इंटरमीडिएट बोर्ड्स के फर्जी प्रमाण पत्र
विशेष रूप से गिरोह ने 13 राज्यों के 18 विश्वविद्यालयों और इंटरमीडिएट बोर्ड्स के फर्जी प्रमाण पत्र तैयार किए थे। इसके अलावा फर्जी शिक्षा प्रमाण पत्र, अनुशंसा पत्र, टीसी, नकली मुहर, टिकट और लोगो भी बरामद किए गए। द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार हाल ही में चैतन्यपुरी पुलिस ने एक फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र रैकेट का भंडाफोड़ किया था और चार लोगों को गिरफ्तार किया था। छापेमारी के दौरान पुलिस को जेएनटीयू, काकतीय और आचार्य नागार्जुन विश्वविद्यालय और एमएस रमैया विश्वविद्यालय, अन्ना विश्वविद्यालय और महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी जैसे अन्य राज्यों के फर्जी प्रमाण पत्र मिले थे।