नई दिल्ली : झारखंड के जमशेदपुर शहर में एक महिला ने कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान अपनी नौकरी गंवाने के बाद अपनी आजीविका चलाने में असमर्थ हो गई तो उसने कुछ ऐसा कदम उठाया जिसके बारे में जानकर आपकी भी रुह कांप जाएगी। पैसों की तंगी के कारण उसने अपनी नवजात बेटे को बेचने का प्लान कर लिया। बुधवार को कथित तौर पर उसके 10 दिन के बेटे को 100 रुपये में बेचने का प्रयास किया गया।
पुलिस ने बताया कि महिला एक नवजात शिशु को एक खरीदार को सौंपने के लिए पेट्रोल पंप पर इंतजार कर रही थी। खबर मिलने के बाद पुलिस अधिकारियों ने मौके पर ही महिला को पकड़ लिया और बच्चे को रेस्क्यू कर लिया, जबकि खरीदार भागने में कामयाब रहा।
पुलिस ने कहा कि महिला सड़क किनारे फूड स्टॉल पर काम करती थी। जब सरकार ने महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए देशव्यापी लॉकडाउन लागू की, तो उसका ये काम भी बंद हो गया। कुछ समय बाद उसके पति का भी निधन हो गया। उसने पुलिस को बताया कि उसने अपनी खराब आर्थिक स्थिति के कारण अपने बच्चे को बेचने का फैसला किया।
पुलिस ने महिला और उसके शिशु पुत्र को सोनारी स्थित एक गैर सरकारी संगठन बाल कल्याण समिति को सौंप दिया। “बच्चा सुरक्षित है और केयर टेकर उसकी देखभाल कर रहे हैं। समिति के सदस्य आलोक भास्कर ने द टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, "बच्चे के संबंधित कोई भी व्यक्ति कानूनी प्रक्रियाओं के तहत 60 दिनों के भीतर अपनी कस्टडी में लेने से पहले दावा कर सकता है।"