कानपुर। आठ पुलिसकर्मयों की हत्या के लिए जिम्मेदार कुख्यात अपराधी विकास दुबे अभी गिरफ्त में नहीं है। यह बात अलग है कि उसके कुछ साथी मारे गए हैं तो कुछ पुलिस की हिरासत में है। इस बीच मुखबिरी के शक में पहले निलंबिक किए चौबेपुर थाना के प्रभारी रहे विनय तिवारी को यूपी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
कानपुर के एसएसपी ने दी जानकारी
इस संबंध में कानपुर के एसएसपी दिनेश प्रभु का कहना है कि साक्ष्यों के आधार पर यह पाया गया है कि विनय तिवारी और के के शर्मा ने छापे से पहले विकास दुबे को जानकारी दी थी। इसकी वजह से वो अलर्ट हो गया। दबिश देने वाली इस साजिश से अंजान थी और उसका नतीजों यह हुआ कि 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए।
इस तरह शक के घेरे में आया विनय तिवारी
3 जुलाई की सुबह जब पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे तो उनका आंकलन था कि कोई ना कोई विभाग का ही भेदिया था जिसके जरिए दबिश की जानकारी विकास दुबे तक पहुंची थी। जब तफ्तीश और आगे बढ़ी तो पता चला की दबिश देने वाली टीम में चौबेपुर के दारोगा विनय तिवारी सबसे पीछे थे गोलीबारी की रफ्तार जब तेज हुई तो वो मौके से फरार हो गए। जबकि कायदे से विकास दुबे के खिलाफ ऑपरेशन उनके ही थाने में था और उन्हें लीड करना चाहिए था। इस तरह की जानकारी के आधार पर विकास दुबे को पहले निलंबित किया गया था।
अलग अलग एंगल से की जा रही हैं जांच
कानपुर नगर के जिलाधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी का कहना है कि जमीन के खरीदफरोख्त को ध्यान में रखकर भी जांच की जा रही है। इस संबंध में एडीएम भूमि अधिग्रहण की अगुवाई में एक टीम गठित की गई है कि ताकि विकास दुबे द्वार किए गए जमीनी सौदौं के बारे में जानकारी मिल सके।