कानपुर: 2 जुलाई की रात यूपी का दुर्दांत अपराधी वर्दी को यानि यूपी पुलिस को रौंद रहा था। उसने और उसके गुर्गों ने 8 पुलिस वालों को शहीद कर दिया और 6 पुलिसकर्मी अस्पताल में भर्ती हैं। करीब 120 घंटे बीत चुके हैं लेकिन विकास दुबे गिरफ्त से बाहर है। 40 टीम लगातार दबिश दे रही है इन सबके बीच शहीद सीओ देवेंद्र मिश्रा का एक खत बाहर आया जो सुर्खियों में है। यह बात अलग है कि यूपी पुलिस उस खत के बारे में कुछ साफ नहीं बता रही है। इस संबंध में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कुछ जानकारी साझा की है।
ऑडियो क्लिप में कुछ भी संदिग्ध नहीं
तत्कालीन सीओ देवेंद्र मिश्रा द्वारा एसएसपी को लिख गए खत के बारे में उन्होंने कहा कि इस संबंध में डीजीपी मे आईजी लेवल के अधिकारी को भेजा है जो जांच करेंगे। इस विषय में सच बहुत जल्द बाहर आ जाएगा। एक ऑडियो क्लिप को भी जारी किया है लेकिन उसमें किसी तरह की संदेह पैदा करने वाली बात नहीं है। उस क्लिप में तत्कालीन एसएसपी, स्टेशन इंचार्ज और सीओ के बीच की बातचीत है। अगर सीओ के कंप्यूटर के फोरेंसिक टेस्ट की जरूरत होगी तो उसे कराया जाएगा।
विकास दुबे की गिरफ्तारी के लिए 40 टीम
प्रशांत कुमार बताते हैं कि विकास दुबे को पकड़ने के लिए 40 टीमें गठित की गई। विकास के परिवार से जुड़े लोगों के बारे में भी पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। उसके पास इतनी मात्रा में हथियार कहां से आए। उसने दबिश देने वाली पार्टी को किस हथियार से निशाना बनाया था। इस तरह की जानकारी मिली है कि किसी ने उसके घर में हथियारों को छिपा रखा था। विकास दुबे के पूरे घर की तलाशी ली गई है जिसमें 2 किलो बारूद जैसा पदार्थ, 6 देसी तमंचे, 15 देसी बम और 25 कारतूस की बरामदगी हुई है।