इंदौर (मध्य प्रदेश) : खुद को सब डिवीजल मजिस्ट्रेट (SDM बताकर सरकारी विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये की ठगी करने वाली महिला को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया है। क्राइम ब्रांच ने महिला के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 419, 467, 468, 471, 170, 34 के तहत मामला दर्ज किया है। अपराध शाखा के अधिकारियों ने आरोपी द्वारा शिकायतकर्ताओं को दिए गए कुछ फर्जी आदेशों की प्रतियां बरामद की हैं।
महिला की पहचान 40 वर्षीय नीलम पाराशर के रूप में हुई है जो मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा में असफल रही। इसके बाद उस पर अफसर बनने का ऐसा भूत ऐसा सवार हुआ कि वह फर्जी एसडीएम बन गई और जब उसने एक व्यापारी से रंगदारी मांगी तो वह पुलिस के हत्थे चढ़ गई। महिला के पास से राज्यपाल मंगू भाई पटेल के दस्तखत वाला फर्जी पत्र भी बरामद किया गया है।
एडिशनल डीसीपी (क्राइम) गुरु प्रसाद पाराशर के मुताबिक, एक शख्स ने क्राइम ब्रांच में शिकायत दर्ज कराई थी कि नीलम पाराशर नाम की एक महिला ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर उससे 2 लाख रुपये लिए थे। महिला ने उसे फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया था। क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने धोखाधड़ी जांच के मामले को अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया है। जांच के दौरान पता चला कि शहर के तेजाजी नगर इलाके की रहने वाली आरोपी नीलम ने शिकायतकर्ता से कहा था कि वह एक एसडीएम है और वह जिला कलेक्टर के कार्यालय में गार्ड की नौकरी दिलाने में उसकी मदद कर सकती है। उसने शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपये लिए और उसे फर्जी नियुक्ति पत्र दिया। उसने शिकायतकर्ता से कहा था कि उसे कुछ दिनों में ज्वाइन करना होगा। उसने उसे वर्दी और पहचान पत्र भी दिया था।
एक अन्य मामले में फर्जी एसडीएम ने पाथर मुंडला क्षेत्र में वार्ड 75 के एक शख्स को जोनल अधिकारी की नौकरी के लिए 45,000 रुपये वेतन के साथ नियुक्ति पत्र दिया। उसने शिकायतकर्ता की पत्नी को महिला एवं बाल विकास विभाग में पर्यवेक्षक के रूप में फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिया और उनसे 7,50,000 रुपये ले लिए। इसके बाद उसने एक महिला से 3.5 लाख रुपये लिए थे और उसे महिला एवं बाल विकास विभाग, देवगुराडिया क्षेत्र में नौकरी देने का वादा किया था। आरोपी ने महिला से कहा था कि उसे 35,000 रुपये प्रति माह वेतन मिलेगा। एक अन्य मामले में, नीलम ने एक दुकान से 74, 000 रुपये के कपड़े खरीदे थे और उसने जो चेक दिया था जो बाउंस हो गया। सामान लेने के बाद व्यापारी ने बिल चुकाने को कहा तो रुपए देने की बजाय उसे जेल भिजवाने की धमकी दी।