नई दिल्ली: लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) से पूछताछ पर दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि उसके गिरोह के सदस्य उसे पुलिस कस्टडी से छुड़ाने की कोशिश कर सकते हैं, कहा जा रहा है कि लॉरेंस अपने भाई (अनमोल बिश्नोई) की तरह ही रास्ता अपनाकर देश से भाग सकता है। लॉरेंस बिश्नोई ने जांचकर्ताओं से कहा है कि वह सिद्धू मूसेवाला पर अपने गिरोह के लिए गाने के लिए दबाव बनाना चाहता था। लॉरेंस और गोल्डी बरार चाहते थे कि मूसेवाला उनके लिए गाए।
लॉरेंस के गुर्गों ने सिद्धू मूसावाला को कई बार धमकी भी दी थी जिसके चलते वह बंबिहा गैंग के संपर्क में आ गया था। केंद्रीय एजेंसियों से मिली जानकारी के मुताबिक, अगर उसे कोर्ट से जमानत मिल जाती है तो उसके देश से भाग जाने की संभावना ज्यादा है।
सूत्रों के मुताबिक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल हथियार उत्तर पूर्वी राज्यों और यूपी से आए थे, गौर हो कि लॉरेंस बिश्नोई आज तक किसी भी हत्या में सीधे तौर पर शामिल नहीं रहे हैं, उनकी भूमिका केवल अपने नेटवर्क का उपयोग करके फिरौती और हत्या की साजिश में शामिल है। ऑपरेशन के बाद, उसने अपना वर्चस्व कायम करने के लिए बार-बार गिरोह बदले हैं।
लॉरेंस विश्नोई के बारे में पता चला है कि ये दो गैंग्स की दुश्मनी का फायदा अपने लिए उठाता है और दोनों में से मजबूत गैंग का साथ देकर कमजोर गैंग को खत्म करवा देता है और मजबूत गैंग को अपने साथ मिला लेता था। इसके बाद उस गैंग्स से उसके नेटवर्क वाले क्षेत्र में व्यपारियों से उगाही और अन्य गैरकानूनी काम करवाता था। अपने इसी तेज दिमाग से इसने हरियाणा के संपत नेहरा, काला जठेड़ी, दिल्ली के गोगी, काला राणा और राजस्थान के आनंद पाल गैंगस्टर के छोटे भाई के जैसे गैंग्स से अपने रिश्ते बनाए है।
लारेंस बिश्नोई ने अपने जेल से निकले साथियों को विदेशों मे बसने में मदद करवाई है और देश में अपने गैर कानूनी कामों में उन साथियों का इस्तेमाल करता है। लॉरेन्स बिश्नोई का इकलौता सगा छोटा भाई 24 साल का अनमोल बिश्नोई अभी यूरोप में है और वहां से वो लगातार इसके संपर्क में रहता है। ऐसे ही इसका सबसे खास दोस्त गोल्डी बरार भी कनाडा मे है। पुलिस को शक है कि अगर लॉरेंस को एक बार जमानत मिली तो ये अपने नेटवर्क का इस्तेमाल कर विदेश भाग जाएगा और जिसके बाद इसको पकड़ना बेहद मुश्किल हो जाएगा।