धोखाधड़ी का शिकार हुईं मिमी चक्रवर्ती, फर्जी टीकाकरण कैंप में TMC सांसद को लग गया टीका

तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती का कहना है कि आईएएस अफसर के रूप में मिले एक व्यक्ति ने उनसे कैंप में आने के लिए कहा था। यहां कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन के लिए आधार का इस्तेमाल न होने पर उन्हें शक हुआ।

Mimi Chakraborty falls for fake Covid-19 vaccination drive
धोखाधड़ी का शिकार हुई हैं टीएमसी सांसद मिमी चक्रवर्ती।  |  तस्वीर साभार: Instagram
मुख्य बातें
  • टीएमसी सांसद ने पाया कि जिस टीकाकरण कैंप में शामिल हुईं वह फर्जी था
  • इस टीकाकरण केंद्र पर मिमी चक्रवर्ती को कोविशील्ड का पहला डोज लगा
  • पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है, उसके पास से जाली दस्तावेज मिले हैं

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती धोखाधड़ी का शिकार हुई हैं। इस धोखाधड़ी की जानकारी उन्होंने खुद दी है। मिमी ने बुधवार को कहा कि टीकाकरण के प्रति लोगों को प्रेरित करने के लिए उन्होंने एक कैंप में हिस्सा लिया था। उन्होंने टीका भी लगवाया लेकिन टीक लगवाने के बारे में उन्हें कोविन एप से कोई जानकारी नहीं मिली। टीएमसी सांसद की शिकायत पर कोलकाता पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी नीली बत्ती एवं फर्जी स्टीकर वाली कार का इस्तेमार कर रहा था।

नगर निगम के कार्यालय में लगा था कैंप
बताया जाता है कि कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के साउथ कोलकाता कार्यालय में इस टीकाकरण कैंप का आयोजन मंगलवार को हुआ था। इस टीकाकरण कैंप में मिमि चक्रवर्ती को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया था। कैंप में मिमी ने कोविशील्ड टीके का पहला डोज लिया। उन्हें ट्रांसजेंडर समुदाय एवं दिव्यांग लोगों को टीके के लिए प्रेरित करने के लिए बुलाया गया था। यहां चक्रवर्ती के साथ-साथ 200 से 250 लोगों को टीका लगा। 

आईएएस अफसर के रूप में मिला आरोपी
अभिनेत्री ने कहा, 'एक व्यक्ति मेरे पास आया और उसने अपना परिचय आईएएस अफसर के रूप में दिया। उसने मुझसे कहा कि वह ट्रांसजेंडर एवं दिव्यांग जनों के लिए टीकाकरण का विशेष अभियान चला रहा है। इस कैंप में उसने मुझे आने के लिए अनुरोध किया।'

टीएमसी सांसद को हुआ शक
इस टीकाकरण केंद्र पर मिमी को संदेह हो गया क्योंकि यहां कोविन एप पर रजिस्ट्रेशन के लिए आधार कार्ड का इस्तेमाल नहीं हो रहा था और किसी को टीके के बारे में मोबाइल पर कोई मैसेज नहीं आया। उन्हें  बताया गया कि जब तक वह घर पहुंचेंगी तब तक उन्हें सर्टिफिकेट मिल जाएगा, इसका बाद उनसे कहा गया कि इसे मिलने में तीन से चार दिनों का समय लगेगा।

आरोपी ने अपराध कबूला
रिपोर्टों में पुलिस सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि आरोपी देबांजन ने खुद का परिचय केएमसी के संयुक्त आयुक्त के रूप में कराया। उसके पास से आईएएस ऑफिसर का परिचय पत्र भी मिला। देबांजन को गिरफ्तार कर पुलिस स्टेशन लगाया। पूछताछ में उसने बार-बार अपना बयान बदला लेकिन कड़ाई से पूछताछ करने पर उसने अपना अपराध कबूल कर लिया।  

कई फर्जी दस्तावेज बरामद हुए
पुलिस ने आरोपी के पास से फर्जी पहचान पत्र, सरकारी स्टैंप सहित कई अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं। उसके पास से नीली बत्ती वाली एक कार भी बरामद हुई है। हालांकि, इस तरह का अपराध करने के पीछे उसका मकसद क्या है, इसका पता अभी नहीं चल सका है। कोलकाता पुलिस का कहना है कि जब्त टीके एक्सपायरी डेट वाले नहीं है। ये टीके सही हैं कि नहीं इसका पता कराया जाएगा।    


 

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