बाराबंकी: एंबुलेंस केस में बाहुबली मुख्तार अंसारी की जिले की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट में पेशी हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई पेशी की दौरान मुख्तार के वकील रणधीर सुमन ने योगी सरकार पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया। इस दौरान अंसारी ने नियमों का हवाला देते हुए अदालत से अनुरोध किया कि अन्य जेलों की भांति उसकी बैरक में भी टेलीविजन की सुविधा प्रदान की जाए। अंसारी ने जेल में फिजियोथैरेपी सेशन भी आयोजित करने की मांग की।
योगी सरकार पर लगाया आरोप
मुख्तार अंसारी ने कोर्ट के समक्ष कहा कि जेल के कैदियों को नियमों के अनुसार समाचार और मनोरंजन के लिए टेलीविजन तक पहुंच की अनुमति है, लेकिन सरकार उनके बैरक के अंदर टीवी की अनुमति नहीं देकर उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। मुख्तार ने यह भी कहा कि उन्हें अपनी आर्थोपेडिक समस्याओं के कारण उसे फिजियोथेरेपी सेशन की आवश्यकता है, लेकिन सरकार ने इस आवेदन को भी अस्वीकार कर दिया गया है।
कोर्ट में हुई पेशी
मुख्तार अंसारी अपनी एम्बुलेंस के फर्जी पंजीकरण मामले में न्यायपालिका की हिरासत बढ़ाने के लिए अदालत के समक्ष पेश हुआ। मुख्तार ने इस बाराबंकी पंजीकृत एम्बुलेंस का उपयोग पंजाब के रोपड़ जेल से विभिन्न अदालतों में आने-जाने के लिए किया था। फर्जी दस्तावेजों के सहारे साल 2013 में एक एम्बुलेंस जिले के एआरटीओ कार्यालय से पंजीकृत कराई गई थी। पूर्वी उत्तर प्रदेश की मऊ सदर सीट से विधायक मुख्तार अंसारी से संबंधित एम्बुलेंस मामले पर सोमवार को सुनवाई हुई।
एंबुलेंस का था फर्जी पंजीकरण
जिले के परिवहन विभाग में जब इस एम्बुलेंस की पड़ताल शुरू की गई तो पता चला कि इसका नवीनीकरण ही नहीं कराया गया था। कागजात खंगाले गए तो एम्बुलेंस अलका राय की फर्जी पहचान पत्र के जरिए पंजीकृत पाई गई। इस मामले में डॉ अलका राय, डॉ शेषनाथ राय, राजनाथ यादव, मुजाहिद समेत कई के खिलाफ नगर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत कराया गया था। इस मामले में डॉ अलका राय, शेषनाथ राय और राजनाथ यादव जेल में हैं।